फील्ड में जाकर सरप्राइज विजिट करें अधिकारी: समीक्षा बैठक में सीएम बोले, स्कूल खुलने की तारीख तय कर लें

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग को अपना ढर्रा बदलने की नसीहत दी और सख्त लहजे में कहा कि विद्यालय के समय पर कोई भी शिक्षक बेसिक शिक्षा अधिकारी या जिला विद्यालय निरीक्षक के दफ्तर में घूमता नहीं दिखना चाहिए। अफसर मुख्यालय में बैठने की बजाय फील्ड में जाकर सरप्राइज विजिट करें।

लोकभवन में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभागों के कामकाज की समीक्षा के लिए बुलायी गई संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी, डीआईओएस व क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रधानाचार्यों के साथ बैठक कर विद्यालय खुलने की तारीख तय कर लें। इस बात पर अप्रसन्नता जतायी कि निजी स्कूल 20 जून के बाद खुल जाएंगे जबकि सरकारी विद्यालय एक जुलाई को खुलेंगे। उन्होंने सरकारी विद्यालयों को 25 जून से खोलने का निर्देश दिया, भले ही बच्चे पहली जुलाई से आयें। यह भी कहा कि बच्चों के आने से पहले स्कूलों की सफाई कर गंदगी मुक्त किया जाए। स्कूलों में लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय हों, पेयजल का इंतजाम भी हो।

बाबू लगा रहे दाग : योगी ने शिक्षा विभाग के बाबुओं की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। कहा कि वर्षों से एक सीट पर जमे बाबुओं को तत्काल हटाया जाए, ऐसे बाबू अफसरों के करियर पर दाग लगा रहे हैं।

अफसरों, प्रधानाचार्यों व अभिभावकों में हो नियमित संवाद: जिलों में तैनात अफसरों को योगी ने जनप्रतिनिधियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और कर्मचारियों से निरंतर संवाद रखने का मशविरा दिया। अफसरों को साल में दो बार प्रधानाचार्यों से और प्रधानाचार्यों को वर्ष में दो बार अभिभावकों से मीटिंग कर गुणवत्ता सुधारने का निर्देश दिया।

बीएसए करें नियमित निरीक्षण : योगी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को रोज जिले व सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को क्षेत्र के स्कूलों का दौरा करने का निर्देश दिया। स्ववित्तपोषित स्कूलों व कॉलेजों के निरीक्षण पर भी जोर दिया।

स्कूली वाहनों की फिटनेस पर जोर : मुख्यमंत्री ने अप्रैल 2018 में कुशीनगर की स्कूल वैन दुर्घटना का जिक्र किया। बैठक में मौजूद मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय को सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्कूलों में कोई भी वाहन परमिट के बिना संचालित नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सत्र 2019-20 के लिए राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य/प्रवक्ता की ऑनलाइन स्थानांतरण व्यवस्था का शुभारंभ भी किया। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जासवाल, प्रदेश के सभी बीएसए, डीआईओएस, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी अधिकारी रहे।

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