मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के अधिकारियों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पाठ पढ़ाया। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि वर्षों से एक ही दफ्तर जमे बाबू, अधिकारियों के करियर पर दाग लगा रहे हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए।
उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में जाकर स्कूलों की रैडिंग चैकिंग करने, जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को दो टूक शब्दों में कहा कि अधिकारी कैंप कार्यालय की प्रथा बंद कर सरकारी दफ्तर में बैठकर काम करें। करीब चालीस मिनट के उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने जमीनी हकीकत से रू-ब-रू कराते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता और विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
लोक भवन में शुक्रवार को आयोजित उच्च, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पहली संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को मुख्यालय में बैठने की कोई जरूरत नहीं है। वे फील्ड में जाकर प्रधानाचार्यों, अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ संवाद करें। उन्होंने प्रधानाचार्यों को साल में दो बार अभिभावकों के साथ मीटिंग करने के निर्देश दिए। खौसतौर पर सभी बीएसए को उनके क्षेत्र में रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने दो वर्ष में शिक्षा में सकारात्मक सुधार किया है। बेसिक शिक्षा में 46 हजार शिक्षक भर्ती हो चुके हैं, 69 हजार की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। कायाकल्प योजना से 90 हजार स्कूलों को मॉडल बनाया है। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल, मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा आर.के.तिवारी और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शशिप्रकाश गोयल भी मौजूद थे।
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उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में जाकर स्कूलों की रैडिंग चैकिंग करने, जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को दो टूक शब्दों में कहा कि अधिकारी कैंप कार्यालय की प्रथा बंद कर सरकारी दफ्तर में बैठकर काम करें। करीब चालीस मिनट के उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने जमीनी हकीकत से रू-ब-रू कराते हुए कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता और विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
लोक भवन में शुक्रवार को आयोजित उच्च, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पहली संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को मुख्यालय में बैठने की कोई जरूरत नहीं है। वे फील्ड में जाकर प्रधानाचार्यों, अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ संवाद करें। उन्होंने प्रधानाचार्यों को साल में दो बार अभिभावकों के साथ मीटिंग करने के निर्देश दिए। खौसतौर पर सभी बीएसए को उनके क्षेत्र में रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने दो वर्ष में शिक्षा में सकारात्मक सुधार किया है। बेसिक शिक्षा में 46 हजार शिक्षक भर्ती हो चुके हैं, 69 हजार की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। कायाकल्प योजना से 90 हजार स्कूलों को मॉडल बनाया है। बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल, मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा आर.के.तिवारी और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शशिप्रकाश गोयल भी मौजूद थे।
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