मातृत्व अवकाश पर गई महिला का वेतन रोकने पर घिरा शिक्षा विभाग

बरेली। शासनादेश के तहत मातृत्व अवकाश लेना महिला कर्मी का अधिकार है। इससे उसे कोई वंचित नहीं कर सकता लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने इसमें भी ‘खेल’ कर दिया।
पहले अवकाश के आवेदन को मंजूरी नहीं दी और फिर बिना बताए अवकाश पर जाने का आरोप लगाते हुए वेतन रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी। वापस आयी महिला शिक्षिका को जब यह बात पता चली तो वह हैरान रह गई। कार्रवाई रुकवाने के लिए अब वह अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। इधर, कोई सुनवाई न होने पर शिक्षक संघ ने विभाग के अड़ियल रवैए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मीरगंज ब्लॉक के प्राइमरी विद्यालय ठिरिया खुर्द की सहायक अध्यापिका संगीता ने गर्भवती होने पर 26 नवंबर 2018 से मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया। ब्लॉक संसाधन केंद्र पर कार्यरत बाबू ने आवेदन पर आपत्ति जता दी। गर्भ आठ माह का होने पर स्थिति गंभीर हुई तो आपत्ति निस्तारण के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाए तो निस्तारण का आश्वासन मिला। हालत नाजुक थी ऐेसे में आश्वासन मिलते ही वह अपने घर चली गई। 24 फरवरी को बेटी का जन्म हुआ और 23 मई को अवकाश समाप्त होने से पहले ही 20 मई को वापस आ गई। लेकिन कार्यभार ग्रहण करने बीआरसी पर पहुंची तो पता चला कि अवकाश स्वीकृत नहीं हुआ था इसलिए उसका वेतन रोकने की कार्रवाई चल रही है। यूटा के जिलाध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने बाबू पर अवकाश स्वीकृत नहीं कराने और महिला को परेशान करने का आरोप लगाया है। बीएसए तनुजा त्रिपाठी ने मामले की जानकारी कर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही है।
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