परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की तस्वीर एक साल बाद भी साफ नहीं है। भर्ती के पदों में से 45 हजार से अधिक भरे जा चुके हैं। 23 हजार से अधिक रिक्त हैं। लिखित परीक्षा और पुनमरूल्यांकन रिजल्ट के बाद कटऑफ अंक पाने वालों को नियुक्ति भी दी जा चुकी है।
अब शासन किसका इंतजार कर रहा है यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि यह भर्ती पूरी हो चुकी है या फिर अभी अधूरी है इसका औपचारिक एलान नहीं हुआ है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए पिछले वर्ष 68500 पदों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराई गई। 13 अगस्त को रिजल्ट आया तो 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। उन्हें दो चरणों में नियुक्ति मिली। कॉपियों का पुनमरूल्यांकन कराया गया और उसका रिजल्ट इसी वर्ष फरवरी में आया उसके बाद 4596 को और तैनाती मिली। ऐसे में अब तक कुल 45,383 को नियुक्ति दी जा चुकी है। वहीं, भर्ती की कुल सीटों में से 23,117 पद अभी रिक्त हैं।
दर्जनों अभ्यर्थियों ने पुनमरूल्यांकन को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी उनमें से नौ को नियुक्ति देने की तैयारी है। इनकी देखादेखी सैकड़ों याचिकाएं कोर्ट में हो चुकी है, कई याचिका दायर करने की तैयारी में है। यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि तमाम पद खाली हैं। बेसिक शिक्षा अफसरों के सामने इस भर्ती को लेकर असमंजस है, वजह शीर्ष कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद से समायोजन रद करने के बाद उन्हें दो अवसर देने का निर्देश दिया था, उस आदेश के अनुपालन में भर्ती दो चरणों में रखी गई। पहले चरण की लिखित परीक्षा में भर्ती के सापेक्ष अभ्यर्थी उत्तीर्ण नहीं हो सके। वहीं, दूसरे चरण की 69 हजार पदों की भर्ती का अब तक परिणाम नहीं आ सका है। अफसरों ने पहले चरण की भर्ती पूरा करने के लिए पहले कटऑफ कम करके सभी पद भरने की योजना बनाई थी लेकिन, यह परीक्षा के मानदंडों के विरुद्ध था इसलिए सहमति नहीं बनी। ऐसे में रिक्त पदों को अगली शिक्षक भर्ती में शामिल करना ही विकल्प है लेकिन, शासन ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। कोर्ट में दाखिल हो रही याचिकाओं से परीक्षा संस्था के अफसर परेशान हैं।
अब शासन किसका इंतजार कर रहा है यह स्पष्ट नहीं है, क्योंकि यह भर्ती पूरी हो चुकी है या फिर अभी अधूरी है इसका औपचारिक एलान नहीं हुआ है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए पिछले वर्ष 68500 पदों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराई गई। 13 अगस्त को रिजल्ट आया तो 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। उन्हें दो चरणों में नियुक्ति मिली। कॉपियों का पुनमरूल्यांकन कराया गया और उसका रिजल्ट इसी वर्ष फरवरी में आया उसके बाद 4596 को और तैनाती मिली। ऐसे में अब तक कुल 45,383 को नियुक्ति दी जा चुकी है। वहीं, भर्ती की कुल सीटों में से 23,117 पद अभी रिक्त हैं।
दर्जनों अभ्यर्थियों ने पुनमरूल्यांकन को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी उनमें से नौ को नियुक्ति देने की तैयारी है। इनकी देखादेखी सैकड़ों याचिकाएं कोर्ट में हो चुकी है, कई याचिका दायर करने की तैयारी में है। यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि तमाम पद खाली हैं। बेसिक शिक्षा अफसरों के सामने इस भर्ती को लेकर असमंजस है, वजह शीर्ष कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद से समायोजन रद करने के बाद उन्हें दो अवसर देने का निर्देश दिया था, उस आदेश के अनुपालन में भर्ती दो चरणों में रखी गई। पहले चरण की लिखित परीक्षा में भर्ती के सापेक्ष अभ्यर्थी उत्तीर्ण नहीं हो सके। वहीं, दूसरे चरण की 69 हजार पदों की भर्ती का अब तक परिणाम नहीं आ सका है। अफसरों ने पहले चरण की भर्ती पूरा करने के लिए पहले कटऑफ कम करके सभी पद भरने की योजना बनाई थी लेकिन, यह परीक्षा के मानदंडों के विरुद्ध था इसलिए सहमति नहीं बनी। ऐसे में रिक्त पदों को अगली शिक्षक भर्ती में शामिल करना ही विकल्प है लेकिन, शासन ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। कोर्ट में दाखिल हो रही याचिकाओं से परीक्षा संस्था के अफसर परेशान हैं।