69000 शिक्षकभर्ती मुद्दा-ए-कटऑफ: लीगलअपडेट Shivendra Pratap Singh 24 सितम्बर 2019
*🎓 #69000शिक्षकभर्ती #मुद्दा_ए_कटऑफ 🎓*
*🎓 #लीगलअपडेट #ShivendraPratapSingh #24सितम्बर2019 🎓*
*🎓आज समय से केस टेकअप हुआ अपने सबमिशन के लिए महाधिवक्ता जी उपस्थित रहे आप सबके सामूहिक सहयोग स्वरूप हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन,ट्विटर अभियान,मीडिया द्वारा सकारात्मक रुख बनाने के कारण उनकी तैयारी भी पूर्ण दिखी और आत्मविश्वास जो हम सबको अपने पक्ष के लिए चाहिए था वह न्यायालय में स्पष्ट दिखाई पड़ा ।*
*🎓12:37 मिनट से महाधिवक्ता जी ने अपनी बात रखनी प्रारम्भ की नियोक्ता (सरकार) का अधिकार और रूलिंग पर फोकस करते हुए उन्होंने सर्वप्रथम यह बात स्पष्ट की पिछली भर्ती और इस भर्ती में अभ्यर्थियों की संख्या में भारी अंतर है पिछली भर्ती और इस भर्ती में शिक्षामित्रों को मिलने वाली छूट (Relaxation) में कोई बदलाव नहीं किया गया है ।*
*🎓लंच बाद अपनी सुनवाई को जारी रखते हुए महाधिवक्ता महोदय ने तेज प्रकाश पाठक केस के माध्यम से ये कंट्राडिक्टरी इशू पर ध्यान आकृष्ट किया कि अपेक्स कोर्ट में मामला विचाराधीन है और उसके बाद भी सिंगल बेंच ने ऑर्डर किया जो न्यायसंगत नहीं है ।*
*🎓इसके बाद सुभाष मारवाह केस,राहुल दत्ता केस के माध्यम से भी अलग अलग राज्यों के उच्च न्यायालयों में पासिंग मार्क सम्बन्धी सरकार के अधिकार को स्वीकार किए जाने का तमाम केसों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि हम दुविधा में नहीं थे अन्यथा परीक्षा के अगले ही दिन कटऑफ घोषित करने के बजाय कुछ और समय बाद यह चीजे होती जबकि 60 65 का GO परीक्षा के तुरंत बाद जारी किया गया था ।*
*🎓K. मंजूश्री केस पर थोड़ा सा सन्देह की स्थिति बनी लेकिन महाधिवक्ता ने अन्य केस को सामने करते हुए इरशाद सर को स्पष्ट किया कि उस केस में भी सरकार के अधिकार को दरकिनार नहीं किया गया है और मौजूदा मामला मंजूश्री मामले से हटकर है ।*
*🎓UN मिश्रा सर के तमाम तर्कों को एक एक करके काटते हुए महाधिवक्ता ने न्यायालय को यह साफ तौर पर स्पष्ट किया कि अनुभाग 4 और अनुभाग 5 दोनों बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आते हैं और दोनों अनुभागों की आपसी सहमति के बाद कटऑफ का GO जारी किया गया जो कि पूर्णतः वैध है और उन्होंने इसको हास्यपद बताया कि ऐसे विभागीय मामलों पर टिप्पणी की जा रही है जो विभाग के स्वविवेक या एकाधिकार क्षेत्र में आता है ।*
*🎓महाधिवक्ता जी की पूरी सुनवाई का सार देखें तो उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए 8 से 9 ऑर्डर में से लगभग सभी बिंदुओं पर वरिष्ठ न्यायाधीश पंकज सर सहमत दिखे,दो बिंदुओं (मंजूश्री,और अनुभाग विवाद) पर सहयोगी इरशाद सर ने महाधिवक्ता से स्पष्टीकरण लिया जिसको महाधिवक्ता ने किस प्रकार से साफ किया ऊपर के बिंदु में बता दिया गया है ।*
*🎓अंत मे प्रशान्त चन्द्रा सर ने अपनी बातों को आगे बढ़ाया जिसपर UN मिश्रा सर ने टोकने का प्रयास किया पर उन्होंने रोस्टर बदलाव और कुछ नए बिंदुओं का हवाला देकर अपनी बात जारी रखी और कोर्ट ने भी नियत समय से थोड़ी देरी तक और समय देते हुए उन्हें अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया ।*
*$p$ नोट :- भविष्य के गर्भ में क्या है यह अनुमान लगाना गलत होगा लेकिन महाधिवक्ता की आज की बहस ने यह तय कर दिया है कि ऑर्डर जो भी आएगा वह आज की बहस के इर्दगिर्द ही घूमता नजर आएगा ।बाकी 90 97 पैनल के सभी सीनियर अधिवक्ता स्टेट के शानदार आर्गुमेंट के बाद अब तमाम आदेशों को लेकर माननीय न्यायालय को प्रभावित करने का प्रयास तेज करेंगे यही हम सबका प्रयास होगा और यही शायद होना भी चाहिए ।*
*🎓न्यायालय से हटकर सरकार के माननीयों के माध्यम से और अन्य माध्यमों के द्वारा भी भर्ती को लगातार चर्चा का विषय बनाये रखने में हम आप सफल रहे हैं लोग कुछ भी कहें लेकिन आप सब यह जान लीजिए जब मामला जनमानस के बीच चर्चा का विषय होता है सरकार तभी उसके निस्तारण का प्रयास करती है अन्यथा की स्थिति में विगत 9 महीने से केस किस रफ्तार में था हम में से किसी से छिपा नहीं है ।🙏*
*#शिवेन्द्रप्रतापसिंह*
*#राघवेन्द्रसोमवंशी*
*#गोविंदखत्री* *#आयुषदुबे*
*#आदित्य* *#ऋषभराय*
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*🎓12:37 मिनट से महाधिवक्ता जी ने अपनी बात रखनी प्रारम्भ की नियोक्ता (सरकार) का अधिकार और रूलिंग पर फोकस करते हुए उन्होंने सर्वप्रथम यह बात स्पष्ट की पिछली भर्ती और इस भर्ती में अभ्यर्थियों की संख्या में भारी अंतर है पिछली भर्ती और इस भर्ती में शिक्षामित्रों को मिलने वाली छूट (Relaxation) में कोई बदलाव नहीं किया गया है ।*
*🎓लंच बाद अपनी सुनवाई को जारी रखते हुए महाधिवक्ता महोदय ने तेज प्रकाश पाठक केस के माध्यम से ये कंट्राडिक्टरी इशू पर ध्यान आकृष्ट किया कि अपेक्स कोर्ट में मामला विचाराधीन है और उसके बाद भी सिंगल बेंच ने ऑर्डर किया जो न्यायसंगत नहीं है ।*
*🎓इसके बाद सुभाष मारवाह केस,राहुल दत्ता केस के माध्यम से भी अलग अलग राज्यों के उच्च न्यायालयों में पासिंग मार्क सम्बन्धी सरकार के अधिकार को स्वीकार किए जाने का तमाम केसों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि हम दुविधा में नहीं थे अन्यथा परीक्षा के अगले ही दिन कटऑफ घोषित करने के बजाय कुछ और समय बाद यह चीजे होती जबकि 60 65 का GO परीक्षा के तुरंत बाद जारी किया गया था ।*
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*🎓UN मिश्रा सर के तमाम तर्कों को एक एक करके काटते हुए महाधिवक्ता ने न्यायालय को यह साफ तौर पर स्पष्ट किया कि अनुभाग 4 और अनुभाग 5 दोनों बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आते हैं और दोनों अनुभागों की आपसी सहमति के बाद कटऑफ का GO जारी किया गया जो कि पूर्णतः वैध है और उन्होंने इसको हास्यपद बताया कि ऐसे विभागीय मामलों पर टिप्पणी की जा रही है जो विभाग के स्वविवेक या एकाधिकार क्षेत्र में आता है ।*
*🎓महाधिवक्ता जी की पूरी सुनवाई का सार देखें तो उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए 8 से 9 ऑर्डर में से लगभग सभी बिंदुओं पर वरिष्ठ न्यायाधीश पंकज सर सहमत दिखे,दो बिंदुओं (मंजूश्री,और अनुभाग विवाद) पर सहयोगी इरशाद सर ने महाधिवक्ता से स्पष्टीकरण लिया जिसको महाधिवक्ता ने किस प्रकार से साफ किया ऊपर के बिंदु में बता दिया गया है ।*
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*$p$ नोट :- भविष्य के गर्भ में क्या है यह अनुमान लगाना गलत होगा लेकिन महाधिवक्ता की आज की बहस ने यह तय कर दिया है कि ऑर्डर जो भी आएगा वह आज की बहस के इर्दगिर्द ही घूमता नजर आएगा ।बाकी 90 97 पैनल के सभी सीनियर अधिवक्ता स्टेट के शानदार आर्गुमेंट के बाद अब तमाम आदेशों को लेकर माननीय न्यायालय को प्रभावित करने का प्रयास तेज करेंगे यही हम सबका प्रयास होगा और यही शायद होना भी चाहिए ।*
*🎓न्यायालय से हटकर सरकार के माननीयों के माध्यम से और अन्य माध्यमों के द्वारा भी भर्ती को लगातार चर्चा का विषय बनाये रखने में हम आप सफल रहे हैं लोग कुछ भी कहें लेकिन आप सब यह जान लीजिए जब मामला जनमानस के बीच चर्चा का विषय होता है सरकार तभी उसके निस्तारण का प्रयास करती है अन्यथा की स्थिति में विगत 9 महीने से केस किस रफ्तार में था हम में से किसी से छिपा नहीं है ।🙏*
*#शिवेन्द्रप्रतापसिंह*
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*#गोविंदखत्री* *#आयुषदुबे*
*#आदित्य* *#ऋषभराय*