⚖आज की सुनवाई का सार
🌱69K-ATR: PASSING MARK
⛳टीम रिज़वान अंसारी
आज कोर्ट नम्बर -1 में लंच बाद केस की हियरिंग स्टार्ट हुई। विपक्षी पार्टी की तरफ मोस्ट सीनियर एडवोकेट एस0के0कालिया जी ने अपना सबमिशन और आर्गुमेंट स्टार्ट किया। उनका पूरा आर्गुमेंट AG की दलीलों के समानांतर रहा। दोनों भर्ती परीक्षाओं के तुलना,TET अहर्ता के पासिंग अंक आदि मुद्दे पर रहा। लेकिन कोर्ट इन बातों से कतई सन्तुष्ट नही हुई। मा0जस्टिस इरशाद अली ने कालिया जी से पूछा कि क्या 07 जनवरी का आदेश सही है? यदि सही है तो किस नियम के तहत सही है? इसका जवाब कालिया जी के पास नही था। इसके बाद मोस्ट सीनियर एडवोकेट श्री जे0एन0माथुर का आर्गुमेंट स्टार्ट हुआ। माथुर साहब ने कोर्ट को 68500 एवं 69000 की लिखित परीक्षाओं के प्रश्न पत्र, निर्धारित समय की वजह से पासिंग मॉर्क में विभिन्नता की बात स्पष्ट करनी चाही लेकिन कोर्ट का फिर वही प्रश्न दागना की "07 जनवरी का आदेश किस आधार पर सही माना जाए?" सिद्ध करता है माथुर साहब की अभी तक दलीलें उस अवैध पत्र को वैध नही सिद्ध कर सकी।
बार-बार कोर्ट का 07 जनवरी के उस अवैध पत्र पर कमेंट करने से ये सिद्ध होता है कि कोर्ट को अभी तक विपक्षी सहित सरकार सेटल्ड लॉ के मुताबिक वो जवाब नही दे पाए जो कोर्ट सुनना और देखना चाहती है।
कोर्ट का समय समाप्त हो चुका था,अगली सुनवाई हेतु कोर्ट ने 01 /10/19 की तिथि नियत की।
स्थितियां सकारात्मक हैं। लेकिन हमें अभी अति-उत्साहित नही होना है। चूंकि मामला कोर्ट में है इसलिए कोई भी चूक भारी पड़ सकती। कोर्ट में कब क्या हो जाये,किसी को पता नही रहता। जब तक हमे खंडपीठ की इस महाबहस का अंतिम जीत का जजमेंट प्राप्त नही हो जाता तब तक जीत की दुंदुभी बजाना उचित नही है। शिक्षामित्र बहुत बार ऐसी दुंदुभी बजाने के चक्कर मे हार का मुंह देख चुका है। इसलिए जीत का भरपूर जश्न हम जजमेंट जारी होने के बाद मनाएंगे। टीम का कम्पाइलेशन तैयार हो रहा है। टीम अधिवक्ताओं के यहाँ सिनोप्सिस ऑफ आर्गमेंट्स बनवाने में व्यस्त है, इसलिए आज ऑडियो जारी नही किया जा सकता। जल्द ही आगे की रूपरेखा सहित ऑडियो आपकी सेवा में प्रस्तुत कर दिया जाएगा। तब तक इस पोस्ट को ही टीम की आधिकारिक खबर माना जाए।
आप सभी के अपेक्षित सहयोग के दम पर टीम आज न्यायालय में "अंगद के पांव" की भांति डटी है। आशा है आप सभी इस "अंगद के पांव" को तभी उठने देंगे जब जीत का बिगुल बज जाए। इसलिए केस के इन अंतिम चरणों मे आपका सहयोग अपेक्षित है।
★हारा वही जो लड़ा नहीं।
®टीम रिज़वान अंसारी।।
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⛳टीम रिज़वान अंसारी
आज कोर्ट नम्बर -1 में लंच बाद केस की हियरिंग स्टार्ट हुई। विपक्षी पार्टी की तरफ मोस्ट सीनियर एडवोकेट एस0के0कालिया जी ने अपना सबमिशन और आर्गुमेंट स्टार्ट किया। उनका पूरा आर्गुमेंट AG की दलीलों के समानांतर रहा। दोनों भर्ती परीक्षाओं के तुलना,TET अहर्ता के पासिंग अंक आदि मुद्दे पर रहा। लेकिन कोर्ट इन बातों से कतई सन्तुष्ट नही हुई। मा0जस्टिस इरशाद अली ने कालिया जी से पूछा कि क्या 07 जनवरी का आदेश सही है? यदि सही है तो किस नियम के तहत सही है? इसका जवाब कालिया जी के पास नही था। इसके बाद मोस्ट सीनियर एडवोकेट श्री जे0एन0माथुर का आर्गुमेंट स्टार्ट हुआ। माथुर साहब ने कोर्ट को 68500 एवं 69000 की लिखित परीक्षाओं के प्रश्न पत्र, निर्धारित समय की वजह से पासिंग मॉर्क में विभिन्नता की बात स्पष्ट करनी चाही लेकिन कोर्ट का फिर वही प्रश्न दागना की "07 जनवरी का आदेश किस आधार पर सही माना जाए?" सिद्ध करता है माथुर साहब की अभी तक दलीलें उस अवैध पत्र को वैध नही सिद्ध कर सकी।
बार-बार कोर्ट का 07 जनवरी के उस अवैध पत्र पर कमेंट करने से ये सिद्ध होता है कि कोर्ट को अभी तक विपक्षी सहित सरकार सेटल्ड लॉ के मुताबिक वो जवाब नही दे पाए जो कोर्ट सुनना और देखना चाहती है।
कोर्ट का समय समाप्त हो चुका था,अगली सुनवाई हेतु कोर्ट ने 01 /10/19 की तिथि नियत की।
स्थितियां सकारात्मक हैं। लेकिन हमें अभी अति-उत्साहित नही होना है। चूंकि मामला कोर्ट में है इसलिए कोई भी चूक भारी पड़ सकती। कोर्ट में कब क्या हो जाये,किसी को पता नही रहता। जब तक हमे खंडपीठ की इस महाबहस का अंतिम जीत का जजमेंट प्राप्त नही हो जाता तब तक जीत की दुंदुभी बजाना उचित नही है। शिक्षामित्र बहुत बार ऐसी दुंदुभी बजाने के चक्कर मे हार का मुंह देख चुका है। इसलिए जीत का भरपूर जश्न हम जजमेंट जारी होने के बाद मनाएंगे। टीम का कम्पाइलेशन तैयार हो रहा है। टीम अधिवक्ताओं के यहाँ सिनोप्सिस ऑफ आर्गमेंट्स बनवाने में व्यस्त है, इसलिए आज ऑडियो जारी नही किया जा सकता। जल्द ही आगे की रूपरेखा सहित ऑडियो आपकी सेवा में प्रस्तुत कर दिया जाएगा। तब तक इस पोस्ट को ही टीम की आधिकारिक खबर माना जाए।
आप सभी के अपेक्षित सहयोग के दम पर टीम आज न्यायालय में "अंगद के पांव" की भांति डटी है। आशा है आप सभी इस "अंगद के पांव" को तभी उठने देंगे जब जीत का बिगुल बज जाए। इसलिए केस के इन अंतिम चरणों मे आपका सहयोग अपेक्षित है।
★हारा वही जो लड़ा नहीं।
®टीम रिज़वान अंसारी।।