इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि अनिरुद्ध कुमार शुक्ल व राधादेवी के मामले में दी गई गाइडलाइन के अनुसार पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने पर याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन किया जाए। परिणाम संशोधित होने के बाद कट ऑफ मेरिट में आने वालों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने नरेंद्र कुमार चतुर्वेदी और रश्मि सिंह सहित दर्जनों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिकाओं में कहा गया कि 13 अगस्त 2018 को घोषित इस भर्ती परीक्षा के परिणाम के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में आपत्ति की गई थी।
अभ्यर्थियों को मिली स्कैन प्रति से पता चला कि था मूल्यांकन में गंभीर त्रुटियां की गई हैं। उसके बाद याचिकाएं दाखिल हुईं और उच्च न्यायालय ने अनिरुद्ध कुमार शुक्ल के मामले में परीक्षा नियामक प्राधिकारी को उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया।
कहा गया कि पुनर्मूल्यांकन में उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराने का निर्णय ले लिया गया है इसलिए याचिकाएं अर्थहीन हो गई हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि अनिरुद्ध कुमार शुक्ल व राधादेवी केस की गाइडलाइन के अनुसार याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कर संशोधित परिणाम शासन को भेजा जाए। शासन बचे हुए 22,211 पदों के सापेक्ष कट ऑफ मेरिट में आने वालों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी करे।
कोर्ट ने कहा कि अनिरुद्ध कुमार शुक्ल व राधादेवी के मामले में दी गई गाइडलाइन के अनुसार पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने पर याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन किया जाए। परिणाम संशोधित होने के बाद कट ऑफ मेरिट में आने वालों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने नरेंद्र कुमार चतुर्वेदी और रश्मि सिंह सहित दर्जनों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिकाओं में कहा गया कि 13 अगस्त 2018 को घोषित इस भर्ती परीक्षा के परिणाम के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में आपत्ति की गई थी।
अभ्यर्थियों को मिली स्कैन प्रति से पता चला कि था मूल्यांकन में गंभीर त्रुटियां की गई हैं। उसके बाद याचिकाएं दाखिल हुईं और उच्च न्यायालय ने अनिरुद्ध कुमार शुक्ल के मामले में परीक्षा नियामक प्राधिकारी को उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया।
कहा गया कि पुनर्मूल्यांकन में उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराने का निर्णय ले लिया गया है इसलिए याचिकाएं अर्थहीन हो गई हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि अनिरुद्ध कुमार शुक्ल व राधादेवी केस की गाइडलाइन के अनुसार याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कर संशोधित परिणाम शासन को भेजा जाए। शासन बचे हुए 22,211 पदों के सापेक्ष कट ऑफ मेरिट में आने वालों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी करे।