69000 शिक्षक भर्ती कटऑफ प्रकरण की कल हुई सुनवाई की सटीक जानकारी, आज भी जारी रहेगी आज की सुनवाई, जानिए वास्तव में कोर्ट क्या हुआ: Krish Mishra
आज की सुनवाई में कोर्ट में मौजूद था, आज तक मैंने आपको वास्तविक और सही जानकारी ही दी है। गुमराह करने और लॉलीपॉप देने से किसी का भला नहीं होने वाला।इसलिए बेहतर यही है आप मौजूदा हालात को समझें और उसी के अनुसार तैयारी करके आगे बढ़े...
आज की सुनवाई में बीएड और 60-65 कटऑफ दोनों के लिहाज से चिंताजनक रही।
बार बार निवेदन,,,,आग्रह.... सभी से अपील करने के बावजूद आज कोई सीनियर वकील कोर्ट में मौजूद नहीं रहा,, जिसका गंभीर खामियाजा हमें आज भुगतना पड़ा है।
आज स्वयं इरशाद सर ने नियमावली में बीएड के शामिल करने के संशोधन मुद्दे (b.ed as a trainee teacher) पर कह दिया--- "This is serious Matter!!
जबकि यदि आज कोई भी सीनियर मौजूद होता तो शायद यह स्थिति न आती, क्योंकि आज पंकज सर और इरशाद जी द्वारा स्वयं कई बार उपेन्द्र मिश्रा जी को टोका गया कि बीएड मैटर पर नहीं कटऑफ पर अपनी आर्गुमेंट रक्खें। इसी समय यदि कोई सीनियर भी आबजेक्शन करता तो संभव था वो इस पर आगे बोल न पाते।
लेकिन लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि उपेन्द्र मिश्रा जी अपने मक़सद में कामयाब हो गये। बहुत अधिक लीगल टर्म में न जाकर इस बात को आप इस तरह समझें कि.....उपेन्द्र मिश्रा जी ने ये कहा कि चूंकि सरकार का सबमिशन है कि संख्या बढ़ने कारण कटऑफ अधिक लगाया गया, और सिंगल बेंच के ऑर्डर में जस्टिस चौहान ने जो बीएड के लिये टिप्पड़ी की है उसके संदर्भ में अपने आर्ग्युमेंट में कहा कि जिस बीएड के कैंडिडेट के कारण संख्या बढ़ रही है क्या उसे तत्कालीन नियमावली के अनुसार सहायक अध्यापक पद के लिए उचित तरीके से ATRE परीक्षा में शामिल किया गया है?? इस पर उपेन्द्र मिश्रा जी के बीएड विरोधी आर्ग्युमेंट से जज साहब सहमत दिखे। और इरशाद अली सर ने उपरोक्त गंभीर टिप्पणी की।
इस तरह आज मिश्रा जी का मेन आर्ग्युमेंट यह रहा कि बीएड की सँख्या के कारण ही कटऑफ अधिक लगाई गई है तो उसकी वैधता के संदर्भ में 60-65 कटऑफ सस्टेन नहीं कर सकती।
सीनियर वकील के अभाव में आज केस में आगे चल रहे सभी 90_97 समर्थक के लिए एकतरह से बैकफुट पे आने जैसे हालात पैदा हो गए।
मैं पुनः आप सभी से आग्रह कर रहा हूँ जहां #वजीर की आवश्यकता हो वहाँ सैनिक से काम नहीं चलाया जा सकता। कृपया सभी मिलकर प्रत्येक दिन सीनियर वकील की मौजूदगी सुनिश्चित करवायें।
आज की सुनवाई में कोर्ट में मौजूद था, आज तक मैंने आपको वास्तविक और सही जानकारी ही दी है। गुमराह करने और लॉलीपॉप देने से किसी का भला नहीं होने वाला।इसलिए बेहतर यही है आप मौजूदा हालात को समझें और उसी के अनुसार तैयारी करके आगे बढ़े...
आज की सुनवाई में बीएड और 60-65 कटऑफ दोनों के लिहाज से चिंताजनक रही।
बार बार निवेदन,,,,आग्रह.... सभी से अपील करने के बावजूद आज कोई सीनियर वकील कोर्ट में मौजूद नहीं रहा,, जिसका गंभीर खामियाजा हमें आज भुगतना पड़ा है।
आज स्वयं इरशाद सर ने नियमावली में बीएड के शामिल करने के संशोधन मुद्दे (b.ed as a trainee teacher) पर कह दिया--- "This is serious Matter!!
जबकि यदि आज कोई भी सीनियर मौजूद होता तो शायद यह स्थिति न आती, क्योंकि आज पंकज सर और इरशाद जी द्वारा स्वयं कई बार उपेन्द्र मिश्रा जी को टोका गया कि बीएड मैटर पर नहीं कटऑफ पर अपनी आर्गुमेंट रक्खें। इसी समय यदि कोई सीनियर भी आबजेक्शन करता तो संभव था वो इस पर आगे बोल न पाते।
लेकिन लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि उपेन्द्र मिश्रा जी अपने मक़सद में कामयाब हो गये। बहुत अधिक लीगल टर्म में न जाकर इस बात को आप इस तरह समझें कि.....उपेन्द्र मिश्रा जी ने ये कहा कि चूंकि सरकार का सबमिशन है कि संख्या बढ़ने कारण कटऑफ अधिक लगाया गया, और सिंगल बेंच के ऑर्डर में जस्टिस चौहान ने जो बीएड के लिये टिप्पड़ी की है उसके संदर्भ में अपने आर्ग्युमेंट में कहा कि जिस बीएड के कैंडिडेट के कारण संख्या बढ़ रही है क्या उसे तत्कालीन नियमावली के अनुसार सहायक अध्यापक पद के लिए उचित तरीके से ATRE परीक्षा में शामिल किया गया है?? इस पर उपेन्द्र मिश्रा जी के बीएड विरोधी आर्ग्युमेंट से जज साहब सहमत दिखे। और इरशाद अली सर ने उपरोक्त गंभीर टिप्पणी की।
इस तरह आज मिश्रा जी का मेन आर्ग्युमेंट यह रहा कि बीएड की सँख्या के कारण ही कटऑफ अधिक लगाई गई है तो उसकी वैधता के संदर्भ में 60-65 कटऑफ सस्टेन नहीं कर सकती।
सीनियर वकील के अभाव में आज केस में आगे चल रहे सभी 90_97 समर्थक के लिए एकतरह से बैकफुट पे आने जैसे हालात पैदा हो गए।
मैं पुनः आप सभी से आग्रह कर रहा हूँ जहां #वजीर की आवश्यकता हो वहाँ सैनिक से काम नहीं चलाया जा सकता। कृपया सभी मिलकर प्रत्येक दिन सीनियर वकील की मौजूदगी सुनिश्चित करवायें।