ज़िला आवंटन प्रकरण:- 68500 पुनर्विचार याचिका कोर्ट अपडेट 13.02.2020

*ज़िला आवंटन प्रकरण* #68500

*पुनर्विचार याचिका*
कोर्ट अपडेट 13.02.2020

साथियो आज ज़िला आवंटन से
सम्बंधित पुनर्विचार याचिका की सुनवाई कोर्ट नंबर 49 में सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई।।

सबसे पहले ज़िला आवंटन पीडितो की ओर से सीनियर अधिवक्ता अशोक खरे सर ने अपना पक्ष रखा एवम् आर्डर के पॉइंट नंबर 30 पर चर्चा की जिसमे दोनों लिस्टों को एक माना गया है ओर कहा की जब दोनों लिस्ट एक ही है तब कम मेरिट वालो को प्रथम वरीयता जनपद कैसे दिया जा सकता है।

उसके बाद आर्डर के पॉइंट नंबर 57 ,58 एवम् 59 पर भी चर्चा की साथ ही उसमे जो विरोधाभास था उससे जज साहब को अवगत कराया।

उसके बाद 6000 वालों की ओर से एचएन सिंह ने अपना पक्ष रखा एवं कहा की एमआरसी जो पीड़ित थे उनको लाभ दे दिया गया है अब जनरल वालों के लिए पुनर्विचार याचिका में कोई स्कोप ही नही बचता।

उसके बाद सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखा एवम् उनका रवैय्या काफी सकारात्मक रहा ।
जज साहब ने उनसे पूछा की क्या
बाकि लोगो को भी लाभ दिया जा सकता है उससे कोई नुकसान तो नही है।।
तब सरकारी वकील ने उस पर सहमति जता दी।।

उसके बाद अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने नॉन काउंसलिंग वालो की ओर से अपना पक्ष रखा एवम् एक आर्डर जज साहब को दिखाने का प्रयास किया ।।
लेकिन उनकी वो फ़ाइल उस समय कोर्ट रूम में नही थी तब अधिवक्ता मान बहादुर सिंह ने समय माँगा।

जिस पर जज साहब ने कहा की इसमें सब लोग शामिल है।
इसलिए कोई अतिरिक्त समय की आवश्यक्ता नही है।

उसके बाद एक मिनट के लिए mrc की तरफ से एक जूनियर वकील A.सिंह ने अपना पक्ष रखा एवम् कहा की इसमें केवल mrc ही पीड़ित है इसलिए mrc का आर्डर change ना किया जाए।
जिस पर जज साहब का कोई खास रिएक्शन नही था।

एक बार अंत में फिर ज़िला आवंटन पीडितो की तरफ से सीनियर अधिवक्ता अशोक खरे सर ने अपना पक्ष रखा ।
4 से 5 मिनट बहस की एवम् अंत में ये कहते हुए की पहली लिस्ट में चयनित ज्यादातर लोग पीड़ित है इसलिए नए सत्र को ध्यान में रखते हुए सबको न्याय दिया जाए ,अपनी बहस खत्म की।

हालांकि हमारा दुर्भाग्य रहा की टीम की ओर से दो सीनियर अधिवक्ता राधाकान्त ओझा सर एवम् राकेश पांडेय सर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव होने के चलते हमारी ओर से बहस नही कर पाये।

उसके बाद जज साहब ने आर्डर रिज़र्व कर लिया।।
उम्मीद है की ये आर्डर 20 फरवरी से पहले डिलीवर होगा क्योकि आज जज साहब ने खुद न्यू सेशन का कई बार जिक्र किया ओर कहा की ये अर्जेंट मैटर है।

इसमें 6  महीने का समय लगने का कोई मतलब नही है क्योकि पहले 105 पेज का पूरा आर्डर लिखा गया था लेकिन इसबार उसमे केवल एक दो पॉइंट चेंज होंगे इसलिए ज़्यादा समय अब इसमें नही लगेगा ।

अगर निष्कर्ष निकाला जाए तो आज सब कुछ ज़िला आवंटन पीडितो के पक्ष में रहा ।।
एवम् उम्मीद है कि आगामी आर्डर सभी ज़िला आवंटन पीड़ित साथियो को न्याय प्रदान करेगा।

आज टीम की ओर से प्रणव मिश्रा एवम् चन्दन मिश्रा कोर्ट में मौजूद रहे।

साथियो अब तक तो टीम के 10/12 साथी आपके सहयोग से कोर्ट में ये लड़ाई लड़ रहे थे।
लेकिन अब हो सकता है की आर्डर आने के बाद हमे सभी ज़िला आवंटन पीड़ित साथियो के सहयोग की आवश्यक्ता पड़े,,,,,,