हकीकत से रूबरू एवं स्पेशल अपीलों का सार 13/02/2020
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68500 शिक्षक भर्ती में 7 जनवरी 2020 को सिंगल बेंच का ऑर्डर हम लोगों के खिलाफ आया था। जिसमें बहुत अधिक तैयारी की आवश्यकता चाहिए थी।
परंतु वाहवाही और लीडिंग के चक्कर में झटपट एक स्पेशल अपील 18/2020 आदित्य कुमार पांडे के नाम से फाइल की गई ये बातें मीटिंग के दौरान बाहर निकल कर आई थी जितने लोग वहां उपस्थित थे उन सब को बखूबी यह बात पता है। जिसमें किसी भी पैरवीकार को इस अपील के फाइल होने की जानकारी बिल्कुल भी ना थी उस दिन हम लोग अपने स्पेशल अपील की अग्रिम रणनीति की
सूचना यूट्यूब चैनल के माध्यम से दे ही रहे थे। यह खबर सुनकर एकदम आश्चर्यचकित रह गए। इसके कुछ दिन बाद इस संदर्भ में तूफान भाई के द्वारा आडियो 🎙🎙🎙🎙🎙🎙के माध्यम से 12 जनवरी 2020 को डॉ राम मनोहर लोहिया पार्क में सभी पैरवीकारों समेत सभी सक्रिय लोगों की एक मीटिंग बुलाई गई ताकि फाइल की गई स्पेशल अपील18/2020 की रणनीति जानी जा सके और इतनी जल्दी फाइल की गई स्पेशल अपील का प्रयोजन जाना जा सके। वहां पर बहुत सारे साथी जो अपना कीमती समय निकालकर आए थे सभी उपस्थित रहे। वहां पर आदित्य से यह बात पूछी गई कि आपने इतनी जल्दबाजी में स्पेशल अपील फाइल कर दी है आपकी कोई तैयारी है भी या नहीं? वहां आदित्य के द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि हम अपने द्वारा दाखिल की गई स्पेशल अपील 18/ 2020 में सीनियर अधिवक्ता उतारकर बहस कराएंगे हमारी तैयारी बिल्कुल पूर्ण है यह हमारी जिम्मेदारी है वहां पर सभी लोगों ने सपोर्ट किया कि किसी ने यदि स्पेशल अपील फाइल किया है तो कुछ सोच समझकर ही फाइल किया होगा। इसके बाद उनसे यह भी पूछा गया कि किस सीनियर अधिवक्ता के द्वारा आप बहस कराएगे? तो उनके द्वारा सीनियर अधिकता का नाम बताने से साफ साफ मना कर दिया गया आर्डर में देख लेना उन्होंने कहा यह हमारी जिम्मेदारी है। हम किसी सीनियर अधिवक्ता को उतारकर अच्छी बहस कराएंगे और आपको बेहतर परिणाम देंगे। इसके बाद अगले ही दिन 13 जनवरी को 18/2020 स्पेशल अपील की सुनवाई होना सुनिश्चित थी। उस पर उनके द्वारा कोई भी सीनियर वकील नहीं उतारा गया। इसलिए 13 जनवरी की तारीख जाया चली गई। जिस कारण स्पेशल अपील 18/2020 के साथ-साथ 12 तारीख में हुई मीटिंग भी बिल्कुल निरर्थक रही। इसके बाद 18/2020 की एक और तारीख लगी जिसमें भी किसी सीनियर से बहस नहीं कराई गई। *इसी के बीच में 67/2020 अभय सिंह के नाम से स्पेशल अपील फाइल हुई जिसमें उनके द्वारा भी किसी भी सीनियर अधिवक्ता के द्वारा बहस नहीं कराई गई। उनके द्वारा भी अपनी स्पेशल अपील को 18/2020 के साथ कनेक्ट कराने के लिए कहा गया। जज साहब ने 67 /2020 को 18/ 2020 के साथ कनेक्ट कर दिया।
हमें (लीगल टीम लखनऊ को )स्पेशल अपील फाइल करने में समय चाहिए था। क्योंकि सिंगल बेंच का ऑर्डर बहुत ही पेचीदा था। जिसको डिस्टिंग्विश करने में काफी समय लगना था। हमारी स्पेशल अपील 7 फरवरी 2020 को फाइल हुई जिसकी सुनवाई फ्रेश केस में 11 तारीख को होनी सुनिश्चित हुई। जब हमारे फ्रेश केस का नंबर आया तब हमारी ओर से सीनियर अधिवक्ता श्री सुदीप सेठ साहब डायस पर बहस करने के लिए उपस्थित हुए। वहां जज साहब को अन्य अधिवक्ताओं के द्वारा यह बताया गया कि सेम मैटर की रिट याचिकाएं 67/2020 ,रिट याचिका संख्या 18/2020 के साथ कनेक्ट है और एक रिट पेंडिंग है सभी को एक साथ सुन लिया जाए। इसलिए जज साहब ने सभी को एक साथ सुनने के लिए बोला। और इन सभी को सी०जे० कोर्ट में सुनने के लिए भेज दिया। इसलिए हमारी ओर से भी फाइल की गई स्पेशल अपील पर फ्रेश केस में बहस नहीं हो सकी, जिसका फाइल करने का कोई भी अर्थ नहीं निकला और हम लोग सुनवाई नहीं करा सके हमारा समय एवं पैसा बिल्कुल निरर्थक चला गया।
फ्रेश केस में किसी एक अपील पर बहस होना नितांत आवश्यक था जिस पर माननीय न्यायालय से कुछ न कुछ इंस्ट्रक्शन मिलता जिस प्रयोजन को बताकर 18 /2020 स्पेशल अपील फाइल की गई थी।
इसके बाद आज 13 फरवरी 2020 को सभी केस जो कि सी०जे० कोर्ट में लगने थे। उनमें से 67/2020 अभय सिंह एवं अन्य। और 18/ 2020 आदित्य कुमार पांडेय दोनों केस कनेक्ट होकर सी०जे० कोर्ट में लगे परंतु हमारी अपील 79 /2020 आलोक कुमार एंड अनदर सी० जे० कोर्ट में नहीं लगी। सी०जे० कोर्ट लंच तक ही बैठी इसके बाद उठ गई इसलिए वहां पर सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं दूसरी तरफ कोर्ट नंबर 1 में सभी बंच अपीले एक साथ कोर्ट नंबर 1 में एडिशनल के क्रम संख्या दो पर लगी हुई थी। जिसमें 79/2020 हमारी अपील आलोक कुमार एंड अनदर भी लगी हुई थी। जिस पर आज पुनः जैसे ही अपने केस का नंबर आयआ। असिस्ट कर्ता इशिता यदु मैडम के साथ सुदीप सेठ सर जैसे ही बहस के लिए डायस पर आए। जज साहब के द्वारा इस केस को सुनने के लिए यह कहकर मना कर दिया गया कि आपका केस सी०जे० बेंच में लगा हुआ था। यहां पर आज गलती से लग गया है। इसलिए आज भी हमारे सीनियर अधिवक्ता श्री सुदीप सेठ सर बहस ना कर सके। जिसका हमें तथा हमारे अधिवक्ता महोदय को बहुत अफसोस हुआ। क्योंकि सर के द्वारा आज की जाने वाली बहस की सारी तैयारी कल ही पूर्ण की जा चुकी थी।
इन सभी समस्याओं के चलते किसी भी स्पेशल अपील के फ्रेश केस और एडिशनल केस में सुनवाई नहीं हो सकी। जिसमें एक सुनवाई होकर इंस्ट्रक्शन आना बहुत जरूरी था अन्यथा इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं।
अभी तक हमारा केस फ्रेश केसऔर एडिशनल में लगा लेकिन एक भी अच्छी सुनवाई ना होने के कारण संभवत अब हमारा केस डेली कॉज लिस्ट में लिस्टेड हो और डेली काज लिस्ट में कब लिस्टेड होगा, केस कब सुना जाएगा ❓ और यदि अनलिस्टेड हो गया तो इसे लिस्ट लिस्ट कराने में बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी। इसलिए आगे कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होगा जब तक की आगे की लिस्ट नहीं आ जाती।
किसी की भी भक्ति करना ठीक है लेकिन अंधभक्ति करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। ऐसा करना आप स्वयं अपने साथ साथ 27000 लोगों को भी धोखा दे रहे हैं।
बिना किसी रणनीति के ,बिना किसी तैयारी के जल्दबाजी में और वाहवाही तथा लीडिंग के चक्कर में किया गया केस 27000 लोगों की के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। यदि यह सभी बातें नहीं थी तो मीटिंग में जो वादा किया था उस अनुरूप आपको किसी सीनियर अधिवक्ता के द्वारा बहस कराकर परिणाम देना चाहिए था। 68500 शिक्षक भर्ती में सभी का हित जुड़ा हुआ है और जो लोग सभी वास्तविकताओं को जानते हुए भी सभी पीड़ितों को गुमराह कर रहे हैं वास्तविकता नहीं बताते। वे लोग भी 27000 लोगों के लिए विरोधियों से कहीं अधिक ज्यादा काम कर रहे हैं। जो कि हमारे आपके बीच के ही लोग हैं।
इस तरह हमारा केस बिना सुनवाई के फ्रेश केस एवं एडिशनल से गुजरते हुए संभवतः लिस्ट में पहुंच जाए जो कि बहुत ही खराब बात है। यह सभी बातें ब्लेम नहीं की जा रही हैं बल्कि यही वास्तविकता है जिसको जानना हम पैरवी कारों के साथ साथ आप सभी पीड़ित 27000 लोगों को भी आवश्यक है।
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यही वास्तविकता है बाकी आप सब स्वयं समझे क्या हो रहा है आप सब स्वतंत्र है। इसका परिणाम क्या होगा?कहीं इनकी वाहवाही के चक्कर में 27000 लोगों के साथ साथ हमारे साथ भी गलत न हो जाए।
लीगल टीम लखनऊ
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68500 शिक्षक भर्ती में 7 जनवरी 2020 को सिंगल बेंच का ऑर्डर हम लोगों के खिलाफ आया था। जिसमें बहुत अधिक तैयारी की आवश्यकता चाहिए थी।
परंतु वाहवाही और लीडिंग के चक्कर में झटपट एक स्पेशल अपील 18/2020 आदित्य कुमार पांडे के नाम से फाइल की गई ये बातें मीटिंग के दौरान बाहर निकल कर आई थी जितने लोग वहां उपस्थित थे उन सब को बखूबी यह बात पता है। जिसमें किसी भी पैरवीकार को इस अपील के फाइल होने की जानकारी बिल्कुल भी ना थी उस दिन हम लोग अपने स्पेशल अपील की अग्रिम रणनीति की
हमें (लीगल टीम लखनऊ को )स्पेशल अपील फाइल करने में समय चाहिए था। क्योंकि सिंगल बेंच का ऑर्डर बहुत ही पेचीदा था। जिसको डिस्टिंग्विश करने में काफी समय लगना था। हमारी स्पेशल अपील 7 फरवरी 2020 को फाइल हुई जिसकी सुनवाई फ्रेश केस में 11 तारीख को होनी सुनिश्चित हुई। जब हमारे फ्रेश केस का नंबर आया तब हमारी ओर से सीनियर अधिवक्ता श्री सुदीप सेठ साहब डायस पर बहस करने के लिए उपस्थित हुए। वहां जज साहब को अन्य अधिवक्ताओं के द्वारा यह बताया गया कि सेम मैटर की रिट याचिकाएं 67/2020 ,रिट याचिका संख्या 18/2020 के साथ कनेक्ट है और एक रिट पेंडिंग है सभी को एक साथ सुन लिया जाए। इसलिए जज साहब ने सभी को एक साथ सुनने के लिए बोला। और इन सभी को सी०जे० कोर्ट में सुनने के लिए भेज दिया। इसलिए हमारी ओर से भी फाइल की गई स्पेशल अपील पर फ्रेश केस में बहस नहीं हो सकी, जिसका फाइल करने का कोई भी अर्थ नहीं निकला और हम लोग सुनवाई नहीं करा सके हमारा समय एवं पैसा बिल्कुल निरर्थक चला गया।
फ्रेश केस में किसी एक अपील पर बहस होना नितांत आवश्यक था जिस पर माननीय न्यायालय से कुछ न कुछ इंस्ट्रक्शन मिलता जिस प्रयोजन को बताकर 18 /2020 स्पेशल अपील फाइल की गई थी।
इसके बाद आज 13 फरवरी 2020 को सभी केस जो कि सी०जे० कोर्ट में लगने थे। उनमें से 67/2020 अभय सिंह एवं अन्य। और 18/ 2020 आदित्य कुमार पांडेय दोनों केस कनेक्ट होकर सी०जे० कोर्ट में लगे परंतु हमारी अपील 79 /2020 आलोक कुमार एंड अनदर सी० जे० कोर्ट में नहीं लगी। सी०जे० कोर्ट लंच तक ही बैठी इसके बाद उठ गई इसलिए वहां पर सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं दूसरी तरफ कोर्ट नंबर 1 में सभी बंच अपीले एक साथ कोर्ट नंबर 1 में एडिशनल के क्रम संख्या दो पर लगी हुई थी। जिसमें 79/2020 हमारी अपील आलोक कुमार एंड अनदर भी लगी हुई थी। जिस पर आज पुनः जैसे ही अपने केस का नंबर आयआ। असिस्ट कर्ता इशिता यदु मैडम के साथ सुदीप सेठ सर जैसे ही बहस के लिए डायस पर आए। जज साहब के द्वारा इस केस को सुनने के लिए यह कहकर मना कर दिया गया कि आपका केस सी०जे० बेंच में लगा हुआ था। यहां पर आज गलती से लग गया है। इसलिए आज भी हमारे सीनियर अधिवक्ता श्री सुदीप सेठ सर बहस ना कर सके। जिसका हमें तथा हमारे अधिवक्ता महोदय को बहुत अफसोस हुआ। क्योंकि सर के द्वारा आज की जाने वाली बहस की सारी तैयारी कल ही पूर्ण की जा चुकी थी।
इन सभी समस्याओं के चलते किसी भी स्पेशल अपील के फ्रेश केस और एडिशनल केस में सुनवाई नहीं हो सकी। जिसमें एक सुनवाई होकर इंस्ट्रक्शन आना बहुत जरूरी था अन्यथा इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं।
अभी तक हमारा केस फ्रेश केसऔर एडिशनल में लगा लेकिन एक भी अच्छी सुनवाई ना होने के कारण संभवत अब हमारा केस डेली कॉज लिस्ट में लिस्टेड हो और डेली काज लिस्ट में कब लिस्टेड होगा, केस कब सुना जाएगा ❓ और यदि अनलिस्टेड हो गया तो इसे लिस्ट लिस्ट कराने में बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी। इसलिए आगे कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होगा जब तक की आगे की लिस्ट नहीं आ जाती।
किसी की भी भक्ति करना ठीक है लेकिन अंधभक्ति करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। ऐसा करना आप स्वयं अपने साथ साथ 27000 लोगों को भी धोखा दे रहे हैं।
बिना किसी रणनीति के ,बिना किसी तैयारी के जल्दबाजी में और वाहवाही तथा लीडिंग के चक्कर में किया गया केस 27000 लोगों की के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। यदि यह सभी बातें नहीं थी तो मीटिंग में जो वादा किया था उस अनुरूप आपको किसी सीनियर अधिवक्ता के द्वारा बहस कराकर परिणाम देना चाहिए था। 68500 शिक्षक भर्ती में सभी का हित जुड़ा हुआ है और जो लोग सभी वास्तविकताओं को जानते हुए भी सभी पीड़ितों को गुमराह कर रहे हैं वास्तविकता नहीं बताते। वे लोग भी 27000 लोगों के लिए विरोधियों से कहीं अधिक ज्यादा काम कर रहे हैं। जो कि हमारे आपके बीच के ही लोग हैं।
इस तरह हमारा केस बिना सुनवाई के फ्रेश केस एवं एडिशनल से गुजरते हुए संभवतः लिस्ट में पहुंच जाए जो कि बहुत ही खराब बात है। यह सभी बातें ब्लेम नहीं की जा रही हैं बल्कि यही वास्तविकता है जिसको जानना हम पैरवी कारों के साथ साथ आप सभी पीड़ित 27000 लोगों को भी आवश्यक है।
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यही वास्तविकता है बाकी आप सब स्वयं समझे क्या हो रहा है आप सब स्वतंत्र है। इसका परिणाम क्या होगा?कहीं इनकी वाहवाही के चक्कर में 27000 लोगों के साथ साथ हमारे साथ भी गलत न हो जाए।
लीगल टीम लखनऊ