साथियो
आज कोर्ट रुम मे जो कुछ घटित हुआ उससे हम आप सभी को अवगत करा रहा हूं आज कोर्ट मे अपना केस 12.41 पर अपना केस टेक अप हुआ उपेन्द्र मिश्रा जी हम सबके पक्ष को रखते हुये डायस पर आये और उन्होने सर्वप्रथम 7 तारीख के अवैध पत्र पर अपनी बात रखना प्रारम्भ किया कोर्ट ने सुनना चाहा तब तक उपेन्द्र जी 22 वां अमेंडमेंट व दोनो परिक्षाओ का अन्तर समझाने लगे जिस पर कोर्ट ने 3 बार कमेंट किया कि मिस्टर मिश्रा आप प्वाइण्ट से बाहर न जाय और रिपिट बहस न करे।लेकिन मिश्रा जी ने अपनी आवाज और तेज कर दी जिसपर कोर्ट फाइल बेंच सेक्रेटरी की तरफ फेंकते हुये तथा दोनो जस्टिस झल्लाकर उठकर चले गये यह कहते हुये कि करो बहस।
हम सभी लोग भयावह स्थित को देखकर डा एल पी मिश्रा साहब के पास गये और उनको बताया जिसपर उन्होने कहा कि इतनी बहस करने की आवश्यकता ही नही है जितना उपेन्द्र साहब बोल रहे तथा कहा कि सभी लोग परेशान न हो हम निपटने के लिए तैयार है।आज की कोर्ट मे घटित घटना से डा साहब भी नाराज दिखे।
मित्रो
टीम बहराइच रिजवान से इसके पहले जब इरशाद साहब के बेंच मे बहस चल रही थी तब उनसे अनुनय विनय किया था लेकिन वे नही माने अन्यथा उसी 5 दिनो मे आपका आर्डर रिजर्व होता।
इधर बहस शुरु होने पर हम सभी लोग फिर मिले कि उपेन्द्र मिश्रा की जल्द आर्गु पूरा कराइये लेकिन नही माने।
आज यदि इनको पूरे दिन बोलवाने का प्लान था तो एच एन सिंह साहब को इलाहाबाद से क्यो बुलाया और यह बात वहीं सिद्व हो जाती जहां भदौरिया जी द्वारा कोर्ट मे ही एच एन सिंह साहब से पूछा कि आपको किसने बुलाया आज शाम तक तो हम लोग ही कम्पलीड करते ।उनके पूछने का मतलब या रिजवान ने एच एन सिंह के आने को अपने वकील से नही बताया जब कि ये तैयारी पूरी पूरी रात कराते है।
सभी घटना होने के बाद एक षणयंत्र रचा गया कि जज साहब के पास एक पर्ची आयी थी जो पूर्णतया फर्जी है।
टीम बहराइच सभी साथियो से अपील करती है कि उनसे कहकर उपेन्द्र साहब को रिटिन सबमिशन दाखिल कराये तथा उन्ही के अधिवक्ता जो है उनको अगले अधिवक्ता के रुप मे उतारे ।
धन्यवाद
आपका
राम शरण मौर्य
बलराम बाजपेयी
प्रभू नरायन सिंह शाहजहांपुर
श्याम सिंह सिद्वार्थनगर
राकेश सक्सेना महोबा
संजय मिश्रा
नफीस अहमद
व टीम बहराइच के प्रदेश के सभी सहयोगी साथीगण।