लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में अब बच्चों को पढ़ाने के तौर-तरीके में बदलाव देखने को मिलेगा। बच्चों को पढ़ाने के लिए पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों और हस्तपुस्तिकाओं का इस्तेमाल तो जारी रहेगा,
लेकिन कक्षा एक से तीन तक के बच्चे भाषाई कौशल और गणितीय दक्षता सरलता और रुचिकर गतिविधियों के माध्यम से हासिल कर सकें, अब कक्षा शिक्षण में जोर इस पर होगा। इसके लिए स्कूलों और शिक्षकों को नई शिक्षण सामग्री भी मुहैया करायी जा रही है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि शिक्षण संग्रह में पढ़ाने की तकनीक में वृद्धि के लिए जरूरी गतिविधियों का इस्तेमाल बताया गया है।