बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 13 हजार से अधिक अनुचर बिना पद के कार्यरत हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति पाने वाले सभी मृतक आश्रित हैं, उनमें से अधिकांश उच्च योग्यता वाले हैं। वे शिक्षक बनना दूर नियमित रूप से तृतीय श्रेणी के पद पर भी प्रोन्नति नहीं पा सके हैं। वजह, उनकी अब तक सेवा नियमावली भी नहीं बनी है। इधर, कई खंड शिक्षाधिकारी कार्यालयों में तीन-तीन आश्रितों को संबद्ध किया गया है।
परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात अनुचर योग्य तो हैं लेकिन, तय डिग्री और डिप्लोमा उनके पास नहीं है। इनकी नियुक्ति की मांग पर योगी सरकार गंभीर है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मृतक आश्रितों को आश्वस्त किया है कि जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी होगा। बेसिक शिक्षा महकमे में 1997 के पहले किसी भी शिक्षक या फिर शिक्षणोत्तर कर्मचारी सेवाकाल में मौत होने पर आश्रित के इंटर उत्तीर्ण होने पर अध्यापक पद पर नियुक्ति मिल जाती थी, इससे कम पढ़े को अनुचर बनाया जाता था। 1997 के बाद से शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने के लिए स्नातक होना जरूरी था।
बदले नियम ने बनाया अनुचर :
27 जुलाई, 2011 को प्रदेश में शिक्षा अधिकार अधिनियम प्रभावी हुआ, तब से आश्रितों के लिए शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक के साथ बीटीसी व टीईटी कर दी गई। 10 अक्टूबर, 2019 को इसमें बीएड भी शामिल हो गया। इसके अलावा किसी भी डिग्री में अनुचर ही बनना है।
ऐसी योग्यता इनके पास : उच्च प्राथमिक विद्यालय इंदरवर बंजर कैम्पियरगंज जिला गोरखपुर में तैनात शिवकुमार तिवारी ने एमए, बीएड और पीएचडी की है। शिक्षक इसलिए नहीं बन सके, क्योंकि वे बीटीसी अब डीएलएड व टीईटी आदि नहीं कर सके। उच्च प्राथमिक विद्यालय खमहौरा जिला जौनपुर के अनुचर प्रेम शंकर पांडेय भी पीएचडी हैं। रामपुर जिले में तैनात मोहम्मद वकास खान तो बीटीसी और एमबीए जैसे कोर्स करके अनुचर बने हैं। वकास टीईटी उत्तीर्ण नहीं है।
योगी सरकार ने हमारी मांगों पर सहमति जताई है। कार्मिक व वित्त विभाग ने भी रजामंदी दी है। हमारी मांग है कि उच्च योग्यता वालों को उच्चीकृत किया जाए।
-जुबेर अहमद, प्रदेश अध्यक्ष आश्रित संघ
2018 तक 13 हजार तैनात
कुल आश्रित - 13193
हाईस्कूल - 5944
इंटर - 2756
स्नातक व अधिक योग्य - 4226