शिक्षकों ने जानी शैक्षिक चुनौतियां और समाधान की समझ

 प्रयागराज : माध्यमिक स्तर के शिक्षकों व प्रधानाचार्यों में शैक्षिक प्रबंधन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इसमें प्रबंधकीय क्षमता, व्यावसायिक विकास, शैक्षिक नेतृत्व एवं शैक्षिक गुणवत्ता की अभिवृद्धि की सीख दी गई। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) की ओर से छह माह का डिप्लोमा कार्यक्रम आनलाइन चलाया गया।


माध्यमिक स्तर के शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के सेवारत प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रदेश स्तर पर अत्यधिक कमी को देखते हुए यह डिप्लोमा कार्यक्रम पिछले 16 वर्षों से चलाया जा रहा है। सीमैट की निदेशक डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि वर्तमान शैक्षिक वर्ष में सोलहवें बैच का संचालन कोविड-19 के कारण आनलाइन माध्यम से किया। इसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 23 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। शैक्षिक नियोजन तथा प्रबंधन के निहितार्थ आत्मसात करने, बहुस्तरीय स्वरूप के क्रियान्वयन में कुशलता विकसित करने, सामाजिक परिप्रेक्ष्य की शैक्षिक चुनौतियों की पहचान कर समाधान ढूढ़ने के लिए समर्थ बनाने में यह डिप्लोमा कार्यक्रम सहायक है। निदेशक ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों के शैक्षिक नेतृत्व विकास की अभिवृद्धि में महत्वपूर्ण आयाम है। कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए प्रतिभागियों को लघुशोध विषय आवंटित किए हैं। अब प्रतिभागी कार्यक्षेत्र में लघुशोध से संबंधित आंकड़े जुटाएंगे व विश्लेषण के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर नवंबर में संस्थान में प्रस्तुत करेंगे, जिस पर परिचर्चा की जाएगी।