कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि प्रदेश में भर्तियों के विज्ञापन से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया छह माह में पूरी कर ली जाएगी। वहीं, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत हिंदी विषय में साढ़े चार सौ से अधिक पदों का अंतिम चयन परिणाम जारी होने के बाद भी नियुक्ति फंसी हुई है। अर्हता का विवाद दूर न होने के कारण चयनित अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने के साढ़े तीन साल बाद भी नियुक्ति मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अभ्यर्थी मांग कर रहे है कि अर्हता के विवाद पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग शीघ्र स्थिति स्पष्ट करे।
एलटी ग्रेड हिंदी के लिए इंटर में संस्कृत, बीए में हिंदी और बीएड की डिग्री की अर्हता निर्धारित की गई थी। आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल 2018 थी। अंतिम तिथि तक कई अभ्यर्थियों के पास इंटर में संस्कृत का विषय नहीं था और उन्होंने एकल विषय से यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट संस्कृत की परीक्षा दी थी।
नियम है कि आवेदन की अंतिम तिथि तक अभ्यर्थी को अर्हता पूरी करनी चाहिए। यूपी बोर्ड का रिजल्ट 29 अप्रैल 2018 को जारी किया गया। हालांकि इस बाद कोर्ट के आदेश पर आयोग ने वर्ष 2018 में चार से 14 जून तक आवेदन के लिए अतिरिक्त समय दिया। ऐसे में एकल विषय संस्कृत से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने भी फॉर्म भर दिए। साथ ही कई ऐसे अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे, जिनके पास इंटर में संस्कृत विषय नहीं था, लेकिन बीए में संस्कृत एवं हिंदी विषय थे।नौकरी के लिए भटक रहे युवाअंतिम चयन परिणाम में ऐसे 474 अभ्यर्थियों का चयन हो गया। इनमें से 130 अभ्यर्थियों ने एकल विषय से संस्कृत परीक्षा उत्तीर्ण की थी और बाकी अभ्यर्थी ऐसे थे, जिनके पास इंटर में संस्कृत विषय नहीं था, लेकिन बीए में संस्कृत एवं हिंदी विषय थे।
चार से 14 जून के बीच आवेदन करके चयनित हुए 130 अभ्यर्थियों का कहना है कि आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 14 जून की गई, इसलिए वह अर्ह हैं। वहीं, आयोग तय नहीं कर पा रहा है कि आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल मानी जाए या 14 जून। प्रतियोगी मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान ने मांग की है कि आयोग शीघ्र स्थिति स्पष्ट करे। अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान की जाए या प्रतीक्षा सूची जारी की जाए, क्योंकि पद होने के बावजूद खाली पड़े हैं और बेरोजगार युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं।