उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वैयक्तिक सहायक व आशुलिपिक के 808 पदों पर भर्ती ने अनियमितता के मामले में पांच कर्मियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। अब इन कर्मियों के खिलाफ कोर्ट में मामला दाखिल किया जा सकेगा। आयोग के सचिव आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने शनिवार को इस इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
सपा के शासनकाल में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 54 विभागों में व्यक्तिगत सहायक व आशुलिपिक के 808 पदों पर भर्ती में अनियमितता के मामले में पांच कर्मियों को दोषी पाया गया है। सतर्कता निदेशालय ने दोषी कर्मियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति आयोग से मांगी थी इसके आधार पर अभियोजन की स्वीकृति दे दी गई है। अब इनके खिलाफ कोर्ट में मामला दाखिल किया जाएगा। भर्ती के लिए 2016 में विज्ञापन निकाला गया था। आरोप लगा कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता पर अपात्रों को नियुक्ति दी गई। इस पर 2017 में शासन ने सतर्कता के जांच आदेश दिए। जांच के बाद सतर्कता विभाग ने पांच कर्मियों को दोषी ठहराया।
आदेश जारी
● 54 विभागों में पीए व आशुलिपिक के 808 पदों में भर्ती का मामला
● धांधली की जांचमें सिद्ध हुए आरोप सपा सरकार में हुई थी भर्ती
जांच में ये कर्मी पाए गए दोषी
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी रामबाबू यादव, प्रवर वर्ग सहायक अनुराग यादव, जंग बहादुर कुमार यादव और सुरेंद्र कुमार