यूपी के हजारों कर्मचारियों को योगी सरकार ने मानदेय बढ़ोतरी की सौगात दी है। यह सौगात फिलहाल नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स के लिए है। स्टाफ नर्स के मानदेय में वृद्धि की गई है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 से नई व्यवस्था के तहत बढ़े हुए मानदेय का ही भुगतान होगा। नई गाइड लाइन के तहत एक वर्ष के भीतर नौकरी ज्वाइन करने वाली स्टाफ नर्स को पांच फीसदी बढ़े वेतन का लाभ नहीं दिया जाएगा जबकि इससे पूर्व में तैनात स्टाफ नर्स के मानदेय में पांच फीसदी का इजाफा किया गया है।
ग्रामीण व सरकारी क्षेत्र के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर हेल्थ पोस्ट सेंटर में स्टाफ नर्स की तैनाती है। संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स को अनुभव के अनुसार मानदेय दिया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निर्देश पर एनएचएम ने स्टाफ नर्स की मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था। केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।
एनएनएम की विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश में 4699 स्टाफ नर्स संविदा पर तैनात हैं। ये नर्स एक से लेकर पांच वर्ष से अधिक अवधि से सेवाएं दे रही हैं। इन्हें 20013 रुपये से लेकर 29374 रुपये प्रतिमाह मानदेय प्रदान किया जा रहा है।
इनमें से 1047 स्टाफ नर्स के एक वर्ष के भीतर नौकरी ज्वाइन की है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाटक ने कहा कि जब कर्मचारी प्रसन्न रहेंगे तो वे मन लगाकार मरीजों की सेवा कर सकेंगे। मानदेय में वृद्धि के लिए उन्होंने सभी स्टाफ नर्स को बधाई दी है।