परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने तमाम समस्याओं को लेकर शिक्षा निदेशक बेसिक शुभा सिंह से मुलाकात की। अध्यापकों का नेतृत्व उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सत्य प्रकाश मिश्र ने किया। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रयागराज सहित कई जिलों के शिक्षक शामिल रहे। शिक्षकों ने कहा कि पदोन्नति के लिए संगठन द्वारा पत्रावली शासन को भेजी गई है। इस पर आवश्यक कदम उठाया जाएं। इसके अतिरिक्त जनपदीय स्थानांतरण नीति घोषित करने की मांग की गई।
शिक्षक बोले- महिला शिक्षिकाओं की सुरक्षा को हो सकता है खतरा : अध्यापकों ने कहा कि टाइम एंड मोशन स्टडी के अंतर्गत शिक्षण कार्य के उपरांत शिक्षकों के विद्यालय में न्यूनतम 30 मिनट रुकने की अनिवार्यता तथा विद्यालय समय बाद संकुल बैठक एवं अन्य बैठकों का आयोजन किया जाता है। यह ठीक नहीं है। संगठन द्वारा कहा गया कि उपरोक्त निर्णय से शिक्षिकाओं एवं महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। अतः इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठाया जाएं।
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने किया विरोध : कंपोजिट विद्यालयों में पदोन्नति एवं स्थानांतरण के लिए नए सिरे से मानक तय करने एवं विकल्प के आधार पर पदस्थापन किए जाने की मांग की गई। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने अवगत कराया गया कि प्रदेश में कई विद्यालय ऐसे हैं जहां संविलियन के कारण दो-दो प्रधानाध्यापक हो गए हैं। यह भी बताया गया कि जयंतियों को परिषदीय अवकाश तालिका से हटाकर कार्यदिवस के रूप में अंकित किया जाए। कहा गया कि जयंतियों में छात्र एवं शिक्षकों की उपस्थिति रहती है। अतः ऐसी जयंतियों को कार्यदिवस की श्रेणी में रखा जाए। गैर विभागीय कार्यों के लिए शिक्षकों पर हो रही कार्रवाई पर भी नाराजगी जताई गई।
प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश देने की मांग की : डीबीटी कार्य के लिए प्रदेश के शिक्षकों पर हो रही कार्यवाही पर भी संगठन द्वारा विरोध दर्ज कराया गया। कहा गया कि कुछ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा उक्त कार्य के लिए शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है। शिक्षक साथी तकनीकी रूप से दक्ष न होने एवं बैंक तथा अभिभावकों का पर्याप्त सहयोग न मिल पाने के बावजूद भरसक प्रयत्न कर रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल द्वारा शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश दिए जाने की मांग की गई।