नई दिल्ली। नौकरशाही में शीर्ष पदों पर महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इस समय केंद्रीय महकमों में एक चौथाई सचिव महिलाएं हैं। यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार में 22 महिला सचिव एक साथ काम कर रही हों। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सचिव और मुख्य सचिव जैसे पदों पर बैठे लोग निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
केंद्र सरकार में इस समय 92 सचिव कार्यरत हैं। इनमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सचिव तथा सभी महकमों के सचिव शामिल हैं। इनमें से 22 महिला सचिव हैं। इनमें एक डाक सेवा, एक वन सेवा तथा एक वैज्ञानिक हैं, शेष सभी आईएएस अधिकारी हैं। इस प्रकार सचिवों के रूप में उनकी हिस्सेदारी करीब 24 फीसदी है। यह कम जरूर है, लेकिन एक सम्मानजनक स्थिति है। पिछले महीने सरकार ने जब डेढ़ दर्जन सचिवों की नियुक्ति की थी तो उनमें सात महिला अधिकारी थीं। देश की राष्ट्रपति महिला हैं तथा उनकी सचिव भी इस समय महिला आईएएस अफसर दीप्ति उमाशंकर हैं।
मौजूदा समय में महिला सचिवों में वंदना गुरनानी (सचिव समन्वय, कैबिनेट), नीलम शम्मी राव (राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग), पुण्य सलीला श्रीवास्तव (स्वास्थ्य), दीप्ति गौर मुखर्जी (कॉरपोरेट मामले), सुकृति लिखी (चेयरमैन, रासायनिक हथियार संधि प्राधिकरण), ए. नीरजा (पिछड़ा वर्ग आयोग (वन सेवा), देबार्शी मुखर्जी (जल संसाधन), निधि खरे (उपभोक्ता मामले), अल्का उपाध्याय (पशुपालन विभाग), निवेदिता शुक्ला (रसायन एवं उर्वरक मामले) की सचिव हैं।
खेल एवं युवा मामले मंत्रालय में दो विभाग हैं तथा दोनों की कमान महिला सचिवों के हाथ में है।
युवा मामलों की सचिव मीता राजीव लोचन हैं जबकि खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी हैं। इस विभाग के मंत्री मनसुख मंडाविया हैं। उनके पास श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भी है, जिसकी सचिव भी एक महिला अधिकारी सुमित्रा डावरा हैं। डाक विभाग की सचिव वंदिता कौल हैं, जो गैर आईएएस हैं। वह डाक सेवा से हैं। जबकि वैज्ञानिक अनुसंधान विभाग की सचिव एम. क्लाईसेल्वी वैज्ञानिक हैं। अन्य महकमों में वन एवं पर्यावरण सचिव लीना नंदन, खाद्य प्रसंस्करण सचिव अनीता प्रवीन, राजभाषा सचिव अनशुली आर्य, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन, कपड़ा सचिव रचना शाह एवं पर्यटन सचिव वी. विद्यावती शामिल हैं।