यूपीपीसीएस (UPPCS) और आरओ/एआरओ (RO ARO) की प्रारंभिक परीक्षाएं एक से अधिक दिन और पालियों में कराने के खिलाफ प्रयागराज में आंदोलित छात्रों ने ‘न बटेंगे, न हटेंगे, जुड़ेंगे और जीतेंगे’ का पोस्टर लहराकर अपने मंसूबों को जाहिर कर दिया है। हजारों छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC)के बाहर पिछले दो दिनों से डटे हुए हैं।
आंदोलित प्रतियोगी छात्रों से वार्ता के लिए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ और लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार मंगलवार सुबह एक बार फिर पहुंचे। दोनों अफसरों ने 12 घंटे के अंदर दो बार आंदोलनकारी छात्रों को समझाने की कोशिश की लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। छात्रों का हुजूम एक से अधिक दिन परीक्षा कराने की नोटिस निरस्त करने की मांग पर अड़ा रहा और थक हारकर दोनों अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।सोमवार रात लगभग 11 बजे छात्रों के बीच पहुंचे डीएम ने कहा था कि नकल माफिया और पेपर आउट को रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। तब भी छात्रों ने धरना समाप्त करने से इनकार कर दिया था। मंगलवार सुबह लगभग 10:45 बजे डीएम ने एक बार फिर आयोग के बाहर छात्रों के बीच पहुंचकर वार्ता की अपील की।
डीएम का कहना था कि छात्रों का प्रतिनिधिमंडल अधिकारियों के साथ बैठकर मसले का हल निकालने के लिए वार्ता को आए। हालांकि छात्रों ने कोई भी प्रस्ताव स्वीकार करने से मना कर दिया। छात्रों ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी मांग स्पष्ट है, इसमें वार्ता की कोई गुंजाइश नहीं है। एक से अधिक दिन परीक्षा कराने की नोटिस निरस्त होने के बाद ही धरना समाप्त किया जाएगा।
आयोग अध्यक्ष के पुतले की निकाली यात्रा
इस बीच पूरे दिन हजारों छात्र आयोग के गेट नंबर दो के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन करते रहे। छात्र टीन, प्लास्टिक के ड्रम, भोंपू, मजीरा भी बजाते रहे। छात्रों का एक गुट ढोल-नगाड़े के साथ धरना देने पहुंचा। दोपहर बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के पुतले की यात्रा भी निकाली। अध्यक्ष की फोटो के साथ गुमशुदा की तलाश सहित अन्य कई नारे लिखी तख्तियां लेकर छात्र धरना स्थल पर बैठे रहे।
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आयोग गेट पर लिखा लूट सेवा आयोग
आक्रोशित प्रतियोगी छात्रों ने लोक सेवा आयोग के गेट पर लूट सेवा आयोग लिख दिया और अध्यक्ष संजय श्रीनेत की तस्वीर भी चस्पा कर दी। शाम को फिर मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रतियोगियों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया। देररात तक छात्र-छात्राएं धरनास्थल पर डटे रहे।
यूपीपीसीएस प्रोटेस्ट
धरने पर डटी बेटियों की ललकार, नहीं हटेंगे अबकी बार
पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक से अधिक दिन कराने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों के साथ ही छात्राएं भी कंधे कंधा मिलाकर सड़क पर डटी हैं। दिन-रात धरने पर बैठीं छात्राओं का दोटूक कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए जब तक मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाती वह किसी कीमत पर हटने को तैयार नहीं है।
जौनपुर की प्रिया सिंह ने कहा कि आयोग की ओर से लिया गया नॉर्मलाइजेशन का फैसला पूरी तरह से अवैज्ञानिक है। इस फैसले का प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी पुरजोर विरोध करते हैं। जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता है तब तक हम बेमियाद धरना जारी रखेंगे।
प्रतापगढ़ से आई बबिता मौर्य के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर पूर्व की भांति ही होना चाहिए। नॉर्मलाइजेशन के चलते आम अभ्यर्थियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। आयोग की ओर से लिए गए इस फैसले का विरोध करती हूं। आयोग को विचार कर इस फैसले का वापस लेना चाहिए।
प्रयागराज की खुशबू पटेल ने कहा कि यूपीपीसीएस, आरओ/एआरओ की परीक्षा एक दिन में ही करानी चाहिए। परीक्षाओं को दो दिन में कराना अभ्यार्थियों के हित में नहीं हैं। आयोग की ओर से जारी किया तुगलकी फरमान का हम सभी विरोध करते हैं, जब तक इसमें सुधार नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मिर्जापुर की नेहा गुप्ता ने कहा कि जब लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने पेपर दिया था तो उस वक्त नॉर्मलाइजेशन नहीं था लेकिन वर्तमान समय में आयोग ने अभ्यर्थियों के हित को दरकिनार कर यह फैसला लिया है। आने वाले दिनों में जल्द इस फैसले को निरस्त नहीं किया जाता तो आंदोलन और तेज होगा।