प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो विवाह करने के आरोपी शिक्षक के निलंबन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और बीएसए प्रयागराज से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने अध्यापक घनश्याम दास यादव की याचिका पर दिया है.
याची के अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी का कहना था कि पहली पत्नी ने याची के दूसरा विवाह करने की शिकायत बीएसए से विवाह के 30 साल बाद की. याची सरकारी सेवा में आने से पूर्व ही दूसरा विवाह कर चुका था. शिकायत पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रयागराज ने 28 जून 2024 को याची को निलंबित कर दिया और जांच बैठा दी. याची अधिवक्ता हिमांशु गोस्वामी का कहना था कि सेवाकाल में याची का कार्य एवं प्रदर्शन अच्छा रहा है.
याचिकाकर्ता को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 के नियम 29 के तहत निलंबित किया गया है. उपरोक्त प्रावधान का सहारा लेकर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी थी. यह इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के बलराम पंवार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में दिए गए फैसले के विपरीत है. यूपी बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली के प्रावधान विभागीय अधिकारियों को द्विविवाह को माफ करने का विवेकाधिकार देता है. निलंबन आदेश को रद्द करने की प्रार्थना की गई है.