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यूपी में टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचार्य पदों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी

 प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचार्य सहित विभिन्न शिक्षकीय पदों की भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय द्वारा रिक्त पदों का गहन परीक्षण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश

शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष पद पर पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार के कार्यभार संभालने के बाद इस प्रक्रिया में तेज़ी आई है।


रिक्त पदों का परीक्षण और तैयारी

  • शिक्षा निदेशालय ई-अधियाचन भेजने से पहले सभी रिक्त पदों के आंकड़ों को दुरुस्त कर रहा है।

  • आयोग की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (JDs) के माध्यम से टीजीटी, पीजीटी, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक पदों का विवरण एकत्र किया है।


ई-अधियाचन पोर्टल का परीक्षण

  • आयोग और शिक्षा निदेशालय ने संयुक्त रूप से ई-अधियाचन पोर्टल का परीक्षण किया।

  • परीक्षण के दौरान आई तकनीकी विसंगतियों को दूर करने के लिए NIC को सूचित किया गया।

  • पोर्टल का अंतिम स्वरूप तैयार होने के बाद, शिक्षा निदेशालय रिक्त पदों का परीक्षण और अधियाचन तैयार करने में लगा हुआ है।


मानक के अनुसार अधियाचन तैयार

  • कुछ जनपदों ने रिक्त पदों की जानकारी निर्धारित प्रारूप के बिना उपलब्ध कराई।

  • ऐसे मामलों को मानक के अनुसार सुधारकर अधियाचन तैयार किया जाएगा।

  • पोर्टल सक्रिय होते ही यह ई-अधियाचन आयोग को भेजा जाएगा


प्राथमिकताएँ और बैकलॉग

  • आयोग के अध्यक्ष ने बैठक में स्पष्ट किया कि टीजीटी-पीजीटी और असिस्टेंट प्रोफेसर की पुरानी भर्तियाँ पहले पूरी की जाएंगी।

  • इसके बाद लंबित बैकलॉग पदों की भर्ती पर कार्रवाई की जाएगी।

  • विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद भर्ती से जुड़ी आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।


निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में शिक्षा सेवा चयन आयोग और निदेशालय की यह तैयारी टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचार्य पदों की लंबित भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल शिक्षकों की नियुक्तियों में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों की पढ़ाई पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

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