कन्फ्यूज हो गए कामर्स के अभ्यर्थीओएमआर शीट में चयनित वर्ग लिखने के लिए
नहींथा स्थानकेंद्रों पर पेंसिल से लिखवाया गया विषय का नाम 82 फीसद ने दी
सहायक प्रोफेसर के लिए परीक्षा
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पद के लिए शनिवार को हुई परीक्षा में कामर्स के अभ्यर्थी उस समय भ्रम में पड़ गए जब ओएमआर शीट में उन्हें चयनित सेक्शन की इंट्री के लिए कोई जगह ही नहीं दिखी। अभ्यर्थियों ने इसको लेकर हंगामा किया तो फौरी व्यवस्था के रूप में शीट पर ही पेंसिल से उनसे चयनित सेक्शन लिखा लिया गया।
आयोग के अनुसार सहायक प्रोफेसर पद की परीक्षा में 82 फीसद अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। कहीं से किसी प्रकार की शिकायतें नहीं मिली हैं।महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए पहली बारभर्ती परीक्षा करा रहे आयोग को अनुभवहीनता की वजह से शनिवार को परेशानी उठानी पड़ी। परीक्षा कुल 24 केंद्रों पर संपन्न हुई। इसमें 18 हजार अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दूसरी पाली में कामर्सविषय के अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र हल करतेसमय हंगामा शुरू किया। दरअसल बुकलेट में एक से 30 तक के सवाल सभी अभ्यर्थियों को हल करने थे। इसके बाद के सवाल विषय पर आधारित थे। कामर्स में 81 नंबर से लेकर सौ तक के प्रश्न में अभ्यर्थियों को चार वर्ग से में से कोई एक वर्ग चयनित कर हल करना था। यह वर्गएकाउंट एंड फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्सेस मैनेजमेंट और इंटरनेशनल बिजनेस के रूप में थे। बुकलेट में यह अलग-अलग थे लेकिन ओएमआर शीट में नहीं। अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया कि आखिर परीक्षक कैसे जानेगा कि अभ्यर्थी ने कौन सा वर्ग चुनकर सवाल हल कियाहै। इस पर आयोग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्हें भी कुछ नहीं पता था। अंतत: यह हल निकाला गया कि ओएमआर शीट पर ही पेंसिल से चयनित वर्ग लिखा लिया जाए। आयोग के सचिव डा. संजय सिंह ने बताया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैनुअल चेंकिंग के दौरान वर्गीकरण निर्धारित कर लिया जाएगा।मुन्ना भाई की सूचना गलत निकलीपरीक्षा के लिए निर्धारित आईपीएम केंद्र परएक मुन्ना भाई के पकड़े जाने की सूचना आई जिससे कुछ देर तक अफरातफरी रही। हालांकि बाद में पता चला कि अभ्यर्थी सही था। वह अपने लिए निर्धारित सीट की जगह किसी अन्य कीसीट पर बैठ गया था। इससे भ्रम पैदा हुआ।
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राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पद के लिए शनिवार को हुई परीक्षा में कामर्स के अभ्यर्थी उस समय भ्रम में पड़ गए जब ओएमआर शीट में उन्हें चयनित सेक्शन की इंट्री के लिए कोई जगह ही नहीं दिखी। अभ्यर्थियों ने इसको लेकर हंगामा किया तो फौरी व्यवस्था के रूप में शीट पर ही पेंसिल से उनसे चयनित सेक्शन लिखा लिया गया।
आयोग के अनुसार सहायक प्रोफेसर पद की परीक्षा में 82 फीसद अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। कहीं से किसी प्रकार की शिकायतें नहीं मिली हैं।महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए पहली बारभर्ती परीक्षा करा रहे आयोग को अनुभवहीनता की वजह से शनिवार को परेशानी उठानी पड़ी। परीक्षा कुल 24 केंद्रों पर संपन्न हुई। इसमें 18 हजार अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दूसरी पाली में कामर्सविषय के अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र हल करतेसमय हंगामा शुरू किया। दरअसल बुकलेट में एक से 30 तक के सवाल सभी अभ्यर्थियों को हल करने थे। इसके बाद के सवाल विषय पर आधारित थे। कामर्स में 81 नंबर से लेकर सौ तक के प्रश्न में अभ्यर्थियों को चार वर्ग से में से कोई एक वर्ग चयनित कर हल करना था। यह वर्गएकाउंट एंड फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्सेस मैनेजमेंट और इंटरनेशनल बिजनेस के रूप में थे। बुकलेट में यह अलग-अलग थे लेकिन ओएमआर शीट में नहीं। अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया कि आखिर परीक्षक कैसे जानेगा कि अभ्यर्थी ने कौन सा वर्ग चुनकर सवाल हल कियाहै। इस पर आयोग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्हें भी कुछ नहीं पता था। अंतत: यह हल निकाला गया कि ओएमआर शीट पर ही पेंसिल से चयनित वर्ग लिखा लिया जाए। आयोग के सचिव डा. संजय सिंह ने बताया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैनुअल चेंकिंग के दौरान वर्गीकरण निर्धारित कर लिया जाएगा।मुन्ना भाई की सूचना गलत निकलीपरीक्षा के लिए निर्धारित आईपीएम केंद्र परएक मुन्ना भाई के पकड़े जाने की सूचना आई जिससे कुछ देर तक अफरातफरी रही। हालांकि बाद में पता चला कि अभ्यर्थी सही था। वह अपने लिए निर्धारित सीट की जगह किसी अन्य कीसीट पर बैठ गया था। इससे भ्रम पैदा हुआ।
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