पांचवीं काउंसिलिंग को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश

कार्यभार के बाद काउंसिलिंग करायी तो अभ्यर्थन निरस्त
पांचवीं काउंसिलिंग को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश

राब्यू, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में पहले ही कार्यभार ग्रहण कर चुके अभ्यर्थियों ने यदि तथ्यों को छिपाकर पांचवीं काउंसिलिंग में हिस्सा लिया तो उनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जाएगा। पांचवीं काउंसिलिंग 19 से 23 मार्च तक होनी है। पांचवीं काउंसिलिंग के सिलसिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि एक से ज्यादा जिलों में आवेदन करने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने दो जिलों में कार्यभार ग्रहण कर लिया है, भले ही वे कार्य नहीं कर रहे हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसे मामलों का सत्यापन कर अभ्यर्थी की नियुक्ति को सिर्फ एक स्थान तक सीमित करने का आदेश दिया है और रिक्त हुई सीट को अदालत द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार भरने को कहा है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी शासनादेश में यह भी कहा गया है कि प्रशिक्षु शिक्षक चयन के बारे में 27 सितंबर 2011 को जारी शासनादेश और उसके क्रम में 30 नवंबर 2011 को जारी विज्ञापन के प्रावधानों के विपरीत उच्च न्यायालय की ओर से कोई अंतरिम आदेश या निर्णय पारित किए गए हों तो उसके खिलाफ तत्काल प्रतिवाद की कार्यवाही की जाएगी। यदि उक्त शासनादेश/विज्ञापन के सापेक्ष उच्च न्यायालय द्वारा कोई अंतरिम आदेश या निर्णय पारित किया गया हो तो न्यायालय के उस निर्णय से आच्छादित अभ्यर्थियों को पांचवीं काउंसिलिंग में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। वजह यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च 2014 के अपने अंतरिम आदेश में स्पष्ट कहा है कि प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन की कार्यवाही उक्त शासनादेश और विज्ञापन के अनुसार ही की जाएगी।

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