76 शिक्षकों का सत्यापन आना बाकी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

सत्यापन की जानकारी लेने विश्वविद्यालय गए बीईओ

जागरण संवाददाता, बदायूं : रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन न भेजे जाने की वजह से तमाम शिक्षकों का वेतन नहीं लग पा रहा है।दो बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा सत्यापन नहीं भेजा गया है। जिसके बाद रिमाइंडर की जगह तीसरी बार खुद बेसिक शिक्षा के अधिकारी को विश्वविद्यालय भेजा गया है।

जिले के 1119 शिक्षामित्रों को समायोजित करके शिक्षक बनाया गया था। जिसके बाद उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए संबंधित विश्वविद्यालय व बोर्ड को भेजा गया था, लेकिन विश्वविद्यालय से उनके प्रमाण पत्रों को सत्यापन नहीं भेजा जा रहा है। जिस वजह से उनका वेतन भी नहीं लगाया गया है। सत्यापन के प्रमाण पत्रों को लगभग 6 महीने पहले भेजा गया था। दो बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी सत्यापन नहीं भेजा गया। तीसरी बार खुद खंड शिक्षा अधिकारी सोमनाथ विश्वकर्मा को संस्कृत विश्वविद्यालय भेजा गया है।
साथ ही उन्हें संस्कृत बोर्ड, लखनऊ, इलाहाबाद व बनारस स्थित संपूर्णानंद विश्वविद्यालय की सत्यापन की भी जिम्मेदारी दी गई है। सत्यापन संबंधी काम देख रहे बाबू नीलेश सक्सेना ने बताया कि 997 शिक्षकों के हाईस्कूल, इंटरमीडियट व विश्वविद्यालय तीनों के सत्यापन आ चुके हैं। जिनमें से 900 शिक्षकों का वेतन भेजा भी जा चुका है। बाकी के शिक्षकों का वेतन भेजने की प्रक्रिया चल रही है। 84 शिक्षकों का मात्र दो जगह से सत्यापन हो पाया है। जबकि 34 शिक्षकों का मात्र एक ही जगह से सत्यापन भेजा गया है। इसके अलावा चार शिक्षक ऐसे भी हैं, जिनका एक भी सत्यापन नहीं आ पाया है। विभाग के लिए सबसे बड़ी चिंता सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की है। क्योंकि यहां से मात्र 8 शिक्षकों के ही सत्यापन आए हैं, जबकि 76 शिक्षकों का सत्यापन आना बाकी है। इसी कारण जगत ब्लाक के बीईओ सोमनाथ विश्वकर्मा को खुद विश्वविद्यालय भेजा गया है।

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