काउंसलिंग में पकड़ा गया शिक्षामित्र का फर्जीवाड़ा
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कानपुर, जागरण संवाददाता : फर्जी दस्तावेजों के सहारे छह साल से
शिक्षामित्र पद पर तैनात युवक का फर्जीवाड़ा काउंसलिंग के दौरान पकड़ में आ
गया। मामला पकड़ में आने के बाद अभ्यर्थी और विभाग दोनों अपने बचाव में जुट
गए हैं। कोई भी मामले पर खुलकर बोलने को तैयार नही है।
शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के लिए गुरुवार को बीएसए कार्यालय में घाटमपुर, पतारा व भीतरगांव ब्लाक के शिक्षामित्रों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। भीतरगांव के लाखनखेड़ा गांव में वर्ष 2009 से तैनात विनोद कुमार भी अपने दस्तावेज लेकर पहुंचा तो प्रमाणपत्रों की जांच कर रहे काउंसलिंग हेड पंकज मिश्रा ने फर्जीवाड़ा पकड़ लिया। उसके हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के मूल प्रमाणपत्रों में दर्ज अंकों में हेरफेर किया गया है। सख्ती से पूछताछ हुई तो विनोद ने बताया कि पड़ोस के गांव कंठीपुर में रहने वाले संजय पाल ने 12 हजार रुपये लेकर यह काम किया था। वह उन्नाव में आईटीआई कर रहा है। विनोद के अंकपत्रों को बीएसए कार्यालय में जब्त कर लिया गया है।
पहले भी पकड़ा गया मामला
दैनिक जागरण ने 12 फरवरी के अंक में एक और मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। इसमें ककवन ब्लाक के आराजी ईशेपुर के रहने वाले रमन यादव ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकपत्रों में हेराफेरी करके प्राइमरी विद्यालय में शिक्षामित्र पद पर नियुक्ति पायी थी। जब उसका समायोजन सहायक शिक्षक पद पर हुआ तो उसके प्रमाण पत्रों ने पूरा मामला खोल दिया।
लापरवाही ने बढ़ाया दुस्साहस
शिक्षामित्रों की भर्ती और सहायक शिक्षक पद पर समायोजन में पकड़े जा रहे फर्जीवाड़े के मामलों पर विभाग की लापरवाही ऐसा करने वालों का दुस्साहस बढ़ा रही है। सारे दस्तावेज और प्रमाण होने के बाद भी विभाग कार्रवाई की जहमत नहीं उठा रहा है। उल्टे कई फर्जीवाड़े पकड़ने वाले पंकज मिश्रा का ही काम बदलने का विभाग में गुणाभाग चल रहा है।
शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के लिए गुरुवार को बीएसए कार्यालय में घाटमपुर, पतारा व भीतरगांव ब्लाक के शिक्षामित्रों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। भीतरगांव के लाखनखेड़ा गांव में वर्ष 2009 से तैनात विनोद कुमार भी अपने दस्तावेज लेकर पहुंचा तो प्रमाणपत्रों की जांच कर रहे काउंसलिंग हेड पंकज मिश्रा ने फर्जीवाड़ा पकड़ लिया। उसके हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के मूल प्रमाणपत्रों में दर्ज अंकों में हेरफेर किया गया है। सख्ती से पूछताछ हुई तो विनोद ने बताया कि पड़ोस के गांव कंठीपुर में रहने वाले संजय पाल ने 12 हजार रुपये लेकर यह काम किया था। वह उन्नाव में आईटीआई कर रहा है। विनोद के अंकपत्रों को बीएसए कार्यालय में जब्त कर लिया गया है।
पहले भी पकड़ा गया मामला
दैनिक जागरण ने 12 फरवरी के अंक में एक और मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। इसमें ककवन ब्लाक के आराजी ईशेपुर के रहने वाले रमन यादव ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकपत्रों में हेराफेरी करके प्राइमरी विद्यालय में शिक्षामित्र पद पर नियुक्ति पायी थी। जब उसका समायोजन सहायक शिक्षक पद पर हुआ तो उसके प्रमाण पत्रों ने पूरा मामला खोल दिया।
लापरवाही ने बढ़ाया दुस्साहस
शिक्षामित्रों की भर्ती और सहायक शिक्षक पद पर समायोजन में पकड़े जा रहे फर्जीवाड़े के मामलों पर विभाग की लापरवाही ऐसा करने वालों का दुस्साहस बढ़ा रही है। सारे दस्तावेज और प्रमाण होने के बाद भी विभाग कार्रवाई की जहमत नहीं उठा रहा है। उल्टे कई फर्जीवाड़े पकड़ने वाले पंकज मिश्रा का ही काम बदलने का विभाग में गुणाभाग चल रहा है।
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