पेपर लीक होने के बाद लोकसेवा आयोग ने किया बड़ा बदलाव
अभ्यर्थियों के सामने ही खुलेगा पेपर
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अब प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों के सामने खोला जाएगा। इतना ही नहीं हर कमरे में दो अभ्यर्थी हस्ताक्षर कर पुष्टि भी करेंगे कि बंडल का सिल बंद था और कोई गड़बड़ी नहीं थी। पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा का पेपर आउट होने के मद्देनजर आयोग बोर्ड की बैठक में कई अन्य निर्णय भी लिए गए हैं। नई व्यवस्था 26 अप्रैल को होने वाली समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी-2014 प्रारंभिक परीक्षा (आरओ-एआरओ) से ही लागू होगी।
इसके बाद हर छोटी-बड़ी परीक्षा में यही व्यवस्था रहेगी। ये प्रावधान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं में पहले से लागू है।
29 मार्च को आयोजित पीसीएस का पेपर आउट हो गया था। इससे पहली पाली की परीक्षा निरस्त कर दी गई। अब वह परीक्षा 10 मई को होगी। आयोग के इतिहास में पेपर आउट होने का यह पहला मामला है। इस तरह की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आयोग की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। आयोग की हर परीक्षाओं में अब जिला प्रशासन को भी सीधे तौर पर शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत हर जिले में प्रश्नपत्र अब ट्रेजरी में रखा जाएगा। डीएम के निर्देशन में पेपर वहां से परीक्षा केंद्रों तक भेजा जाएगा। यूपीएससी की परीक्षा में यह व्यवस्था लागू है। इसके अलावा आयोग ने हर परीक्षा कक्ष में बंडल खोलने और दो अभ्यर्थियों से हस्ताक्षर कराए जाने का फैसला लिया है। यह व्यवस्था एसएससी की परीक्षाओं में काफी पहले से लागू है। सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजकर आयोग के निर्णय से अवगत करा दिया गया है। साथ में उसी के अनुसार व्यवस्था कराने के लिए कहा गया है।
ट्रेजरी में रखा जाएगा प्रश्नपत्र, डीएम के निर्देशन में सेंटर तक पहुंचेगा
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अभ्यर्थियों के सामने ही खुलेगा पेपर
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अब प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों के सामने खोला जाएगा। इतना ही नहीं हर कमरे में दो अभ्यर्थी हस्ताक्षर कर पुष्टि भी करेंगे कि बंडल का सिल बंद था और कोई गड़बड़ी नहीं थी। पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा का पेपर आउट होने के मद्देनजर आयोग बोर्ड की बैठक में कई अन्य निर्णय भी लिए गए हैं। नई व्यवस्था 26 अप्रैल को होने वाली समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी-2014 प्रारंभिक परीक्षा (आरओ-एआरओ) से ही लागू होगी।
इसके बाद हर छोटी-बड़ी परीक्षा में यही व्यवस्था रहेगी। ये प्रावधान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं में पहले से लागू है।
29 मार्च को आयोजित पीसीएस का पेपर आउट हो गया था। इससे पहली पाली की परीक्षा निरस्त कर दी गई। अब वह परीक्षा 10 मई को होगी। आयोग के इतिहास में पेपर आउट होने का यह पहला मामला है। इस तरह की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आयोग की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। आयोग की हर परीक्षाओं में अब जिला प्रशासन को भी सीधे तौर पर शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत हर जिले में प्रश्नपत्र अब ट्रेजरी में रखा जाएगा। डीएम के निर्देशन में पेपर वहां से परीक्षा केंद्रों तक भेजा जाएगा। यूपीएससी की परीक्षा में यह व्यवस्था लागू है। इसके अलावा आयोग ने हर परीक्षा कक्ष में बंडल खोलने और दो अभ्यर्थियों से हस्ताक्षर कराए जाने का फैसला लिया है। यह व्यवस्था एसएससी की परीक्षाओं में काफी पहले से लागू है। सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजकर आयोग के निर्णय से अवगत करा दिया गया है। साथ में उसी के अनुसार व्यवस्था कराने के लिए कहा गया है।
ट्रेजरी में रखा जाएगा प्रश्नपत्र, डीएम के निर्देशन में सेंटर तक पहुंचेगा
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