राज्य ब्यूरो, पटना : पटना हाईकोर्ट ने जाली प्रमाण पत्र के आधार पर
नियोजित शिक्षकों को एक ऑफर पेश किया है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एल
नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने ऐसे शिक्षकों को एक
सप्ताह के अंदर शिक्षक का पद छोड़ने को कहा है।
यदि ये शिक्षक अपनी स्वेच्छा से नौकरी छोड़ देते हैं, तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। उन पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। ऐसे शिक्षकों पर आपराधिक मामला भी नहीं चलेगा, लेकिन इस ऑफर को दरकिनार करने पर उन शिक्षकों को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
अवैध रूप से नियोजित शिक्षकों को हटाने से संबंधित एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में रंजीत पंडित एवं अन्य लोगों ने दायर कर रखी है।
पटना हाई कोर्ट ने दिया एक सप्ताह का अल्टीमेटम
राज्य ब्यूरो, पटना : पटना हाईकोर्ट ने जाली प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकों को एक ऑफर पेश किया है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने ऐसे शिक्षकों को एक सप्ताह के अंदर शिक्षक का पद छोड़ने को कहा है। यदि ये शिक्षक अपनी स्वेच्छा से नौकरी छोड़ देते हैं, तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। उन पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। ऐसे शिक्षकों पर आपराधिक मामला भी नहीं चलेगा, लेकिन इस ऑफर को दरकिनार करने पर उन शिक्षकों को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
क्या है पूरा मामला
बिहार में शिक्षकों की संख्या को पूरा करने के लिए उनकी सीधी नियुक्ति न कर नियोजन किया गया था। शुरुआती दौर में नियोजन का अधिकार मुखिया के पास था। इसी दौरान कई लोग फर्जी डिग्री के सहारे नियोजित हो गए।
25 हजार हैं फर्जी शिक्षक
सोमवार को बहस के दौरान पटना हाई कोर्ट की प्रतिक्रिया थी कि विभागीय मंत्री ने पहले स्वयं स्वीकार किया था कि उनकी नजर में 25 हजार शिक्षक फर्जी हैं, लेकिन उन्हें नहीं हटाया गया और अब जांच में इस तरह की बात कही जा रही है।
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यदि ये शिक्षक अपनी स्वेच्छा से नौकरी छोड़ देते हैं, तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। उन पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। ऐसे शिक्षकों पर आपराधिक मामला भी नहीं चलेगा, लेकिन इस ऑफर को दरकिनार करने पर उन शिक्षकों को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
अवैध रूप से नियोजित शिक्षकों को हटाने से संबंधित एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में रंजीत पंडित एवं अन्य लोगों ने दायर कर रखी है।
पटना हाई कोर्ट ने दिया एक सप्ताह का अल्टीमेटम
राज्य ब्यूरो, पटना : पटना हाईकोर्ट ने जाली प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजित शिक्षकों को एक ऑफर पेश किया है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने ऐसे शिक्षकों को एक सप्ताह के अंदर शिक्षक का पद छोड़ने को कहा है। यदि ये शिक्षक अपनी स्वेच्छा से नौकरी छोड़ देते हैं, तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। उन पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। ऐसे शिक्षकों पर आपराधिक मामला भी नहीं चलेगा, लेकिन इस ऑफर को दरकिनार करने पर उन शिक्षकों को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
क्या है पूरा मामला
बिहार में शिक्षकों की संख्या को पूरा करने के लिए उनकी सीधी नियुक्ति न कर नियोजन किया गया था। शुरुआती दौर में नियोजन का अधिकार मुखिया के पास था। इसी दौरान कई लोग फर्जी डिग्री के सहारे नियोजित हो गए।
25 हजार हैं फर्जी शिक्षक
सोमवार को बहस के दौरान पटना हाई कोर्ट की प्रतिक्रिया थी कि विभागीय मंत्री ने पहले स्वयं स्वीकार किया था कि उनकी नजर में 25 हजार शिक्षक फर्जी हैं, लेकिन उन्हें नहीं हटाया गया और अब जांच में इस तरह की बात कही जा रही है।
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