असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में गड़बड़ी!
इलाहाबाद। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में भी धांधली की आशंका जताई जा रही है। कई अभ्यर्थियों ने एकदम खाली ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिका) जमा कर दी है। ओएमआर शीट को स्कैन कराने के दौरान यह बात सामने आई है। इससे बड़ी धांधली तथा किसी गिरोह के शामिल होने की आशंका है। उत्तर पुस्तिकाओं के स्कैन कराने के निर्णय से हड़कंप मच गया है।
शासन के निर्देश पर नवनियुक्त अध्यक्ष लाल बिहारी पांडेय की ओर से उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन कराई जा रही हैं। हालांकि आयोग के कई अफसरों ने इसका विरोध किया था, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। आयोग की ओर से संशोधित आंसर की जारी कर दिया गया है। इसके बाद मूल्यांकन से पहले उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन कराने का निर्णय लिया गया। तकरीबन सभी विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन करा ली गई हैं। उनकी सीडी भी तैयार कराई जा रही है। आयोग सूत्र के अनुसार कई ओएमआर शीट बिल्कुल खाली मिली है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई उत्तर पुस्तिकाएं आयोग कर्मियों के रिश्तेदारों की हैं। आशंका जताई जा रही है कि मूल्यांकन से पहले इन्हें भरे जाने की तैयारी थी। हालांकि अफसरों की ओर से उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन कराने के बाद इस तरह की धांधली पर अंकुश लगने के दावे किए जा रहे हैं।
इसके विपरीत ओएमआर शीट के स्कैनिंग से आयोग में एक बार फिर विवाद गहरा गया है। अफसरों के बीच खेमेबाजी की भी बात कही जा रही है। हालांकि कोई भी अफसर इस बारे में कुछ बोलने से कतरा रहा है। अध्यक्ष लाल बिहारी पांडेय ने ओएमआर शीट के स्कैनिंग की बात स्वीकार की, लेकिन गोपनीयता का हवाला देते हुए उन्होंने इससे आगे कुछ भी बोलने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि रिजल्ट जल्द घोषित होगा।
अध्यक्ष की भी नियुक्ति पर विवाद
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में तीन सदस्यों के बाद अब नवनियुक्त अध्यक्ष के चयन पर भी विवाद शुरू हो गया है। लाल बिहारी पांडेय की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि आयोग के अध्यक्ष का पद सचिव स्तर का है। जबकि, लाल बिहारी डीएम पद से ही रिटायर हो गए। इसलिए वह इस पद की योग्यता धारण नहीं करते। मंगलवार को सुनवाई की उम्मीद है। इसके विपरीत लाल बिहारी का कहना है कि उनका सचिव पद पर प्रमोशन हो गया था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। डीएम पद पर ही बने रहे। इसलिए आरोप का कोई आधार नहीं है।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की भर्ती भी विवादों में घिरी
कई अभ्यर्थियों ने जमा कर दी है सादी ओएमआर शीट
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इलाहाबाद। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में भी धांधली की आशंका जताई जा रही है। कई अभ्यर्थियों ने एकदम खाली ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिका) जमा कर दी है। ओएमआर शीट को स्कैन कराने के दौरान यह बात सामने आई है। इससे बड़ी धांधली तथा किसी गिरोह के शामिल होने की आशंका है। उत्तर पुस्तिकाओं के स्कैन कराने के निर्णय से हड़कंप मच गया है।
शासन के निर्देश पर नवनियुक्त अध्यक्ष लाल बिहारी पांडेय की ओर से उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन कराई जा रही हैं। हालांकि आयोग के कई अफसरों ने इसका विरोध किया था, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। आयोग की ओर से संशोधित आंसर की जारी कर दिया गया है। इसके बाद मूल्यांकन से पहले उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन कराने का निर्णय लिया गया। तकरीबन सभी विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन करा ली गई हैं। उनकी सीडी भी तैयार कराई जा रही है। आयोग सूत्र के अनुसार कई ओएमआर शीट बिल्कुल खाली मिली है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई उत्तर पुस्तिकाएं आयोग कर्मियों के रिश्तेदारों की हैं। आशंका जताई जा रही है कि मूल्यांकन से पहले इन्हें भरे जाने की तैयारी थी। हालांकि अफसरों की ओर से उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन कराने के बाद इस तरह की धांधली पर अंकुश लगने के दावे किए जा रहे हैं।
इसके विपरीत ओएमआर शीट के स्कैनिंग से आयोग में एक बार फिर विवाद गहरा गया है। अफसरों के बीच खेमेबाजी की भी बात कही जा रही है। हालांकि कोई भी अफसर इस बारे में कुछ बोलने से कतरा रहा है। अध्यक्ष लाल बिहारी पांडेय ने ओएमआर शीट के स्कैनिंग की बात स्वीकार की, लेकिन गोपनीयता का हवाला देते हुए उन्होंने इससे आगे कुछ भी बोलने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि रिजल्ट जल्द घोषित होगा।
अध्यक्ष की भी नियुक्ति पर विवाद
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में तीन सदस्यों के बाद अब नवनियुक्त अध्यक्ष के चयन पर भी विवाद शुरू हो गया है। लाल बिहारी पांडेय की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि आयोग के अध्यक्ष का पद सचिव स्तर का है। जबकि, लाल बिहारी डीएम पद से ही रिटायर हो गए। इसलिए वह इस पद की योग्यता धारण नहीं करते। मंगलवार को सुनवाई की उम्मीद है। इसके विपरीत लाल बिहारी का कहना है कि उनका सचिव पद पर प्रमोशन हो गया था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। डीएम पद पर ही बने रहे। इसलिए आरोप का कोई आधार नहीं है।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की भर्ती भी विवादों में घिरी
कई अभ्यर्थियों ने जमा कर दी है सादी ओएमआर शीट
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