लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश
इकाई ने वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों के प्रदर्शन पर पुलिसिया कार्रवाई की
निंदा की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि सरकार ने
शिक्षकों के प्रदर्शन का जिस तरह से दमन किया है, वह लोकतांत्रिक मूल्यों
के खिलाफ है।
प्रदर्शन के एक दिन पूर्व ही जिलों में शिक्षकों की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “सरकार को शिक्षकों की बात सुननी चाहिए और किए गए वादों को पूरा करना चाहिए। सरकार जिस तरह से पुलिस की लाठी से जनता की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है, यह उसे आने वाले पंचायत और विधानसभा चुनावों में महंगी पड़ेगी।”
चंद्रमोहन ने कहा कि सपा ने सरकार बनाने के लिए वित्तविहीन शिक्षकों से वादा तो कर लिया था, लेकिन उसे जब पूरा करने का समय आया तो शिक्षकों को मानदेय के बजाय पुलिस की लाठी मिल रही है। लाठी से समस्याओं का हल खोजने वाली इस सरकार को जनता सजा जरूर देगी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में पुलिस का सहयोग लेने के बजाय वह अपने राजनैतिक स्वार्थो की पूर्ति व जनता की आवाज को दबाने के लिए पुलिस तंत्र का दुरुपयोग कर रही है।
गौरतलब है कि मानदेय की मांग कर रहे वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इनको पहले ही रोक लिया। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
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प्रदर्शन के एक दिन पूर्व ही जिलों में शिक्षकों की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “सरकार को शिक्षकों की बात सुननी चाहिए और किए गए वादों को पूरा करना चाहिए। सरकार जिस तरह से पुलिस की लाठी से जनता की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है, यह उसे आने वाले पंचायत और विधानसभा चुनावों में महंगी पड़ेगी।”
चंद्रमोहन ने कहा कि सपा ने सरकार बनाने के लिए वित्तविहीन शिक्षकों से वादा तो कर लिया था, लेकिन उसे जब पूरा करने का समय आया तो शिक्षकों को मानदेय के बजाय पुलिस की लाठी मिल रही है। लाठी से समस्याओं का हल खोजने वाली इस सरकार को जनता सजा जरूर देगी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में पुलिस का सहयोग लेने के बजाय वह अपने राजनैतिक स्वार्थो की पूर्ति व जनता की आवाज को दबाने के लिए पुलिस तंत्र का दुरुपयोग कर रही है।
गौरतलब है कि मानदेय की मांग कर रहे वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इनको पहले ही रोक लिया। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
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