गोविंद रहे याद, राधाकृष्णन को भूल गए : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Latest updates

आज 06 सित0 को दैनिक जागरण के पृष्ठ सं0 4 में यह खबर छपी है। खबर को पढ़ते हुए साफ प्रतीत होता है कि यह शिक्षकों के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर लिखी गई है। यह शिक्षकों को बेबात बदनाम करने वाले कुप्रचार का हिस्सा है।

आश्चर्य होता है कि दैनिक जागरण जैसा जिम्मेदार अख़बार यह काम कर रहा है। इस खबर में CEO साहब का पक्ष तो रखा गया है। मगर जिन शिक्षकों के बारे में यह कहा गया है, उनका पक्ष सिरे से गायब है।
यह सब तब हो रहा है जबकि DG साहब ने भी छुट्टी की स्थिति स्पष्ट कर दी थी।
(1)-क्या आपको पता है कि 05 तारीख को जन्माष्टमी का त्यौहार था, जिसके लिए शासन ने राजपत्रित अवकाश घोषित किया था ? आप कैसे कह रहे हैं कि सरकारी स्कूल राधाकृष्ण को भूल गए ?
(2)-जन्माष्टमी हिंदुओं का बड़ा त्यौहार है। क्या शिक्षकों को शासन से मिली छुट्टी के बावजूद यह नहीं मनाना चाहिए था ? अपने घर से दूर व्यक्ति बगैर छुट्टी के कैसे त्यौहार मना लेगा ?
(3)-जन्माष्टमी पड़ने के कारण प्रधानमंत्री ने तक अपना कार्यक्रम पहले रख दिया था। स्कूलों ने भी छुट्टी के कारण अपने आयोजन 4 को कर लिए थे। यह कोई राष्ट्रीय पर्व नहीं है कि उसे एक दिन पहले नहीं मनाया जा सकता ! तब CEO साहेब अपनी ही सरकार के आदेश के विरुद्ध क्यों जाना चाह रहे थे ?
(4)-पब्लिक स्कूलों ने भी पांच तारीख को छुट्टी की थी। आपको उनकी छुट्टी क्यों नहीं नजर आई ?
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