अब बात करते हैं मुद्दे की :
1) शिक्षा मित्र मुद्दे पर अभी सरकार और शिक्षा मित्र खेमे की तरफ से एसएलपी आनी जारी हैं और ज्ञात सूत्रों से पता चला है कि उत्तरप्रदेश सरकार की तरफ से मुख्य विशेष अनुज्ञा याचिका भी 20 नवंबर तक आ जाएगी।
इस मुद्दे पर हमारी कैविएट जिसको हम दिखा भी चुके हैं सभी याचिकाओं के डिफेन्स में डाली है क्योंकि जैसा अंदेशा हमारी तरफ से लगाया जा रहा था कि ये हमसे डरकर (49147/2015 जिसमे राणा और डीपी याची हैं) हमें पार्टी नहीं बनाएंगे और एक विशेष अनुज्ञा याचिका के मुख्य पृष्ठ पर देखा गया भी है कि इन्होंने हमें पार्टी नहीं बनाया है , इसी दूरगामी सोच को रखकर हमने वृहद पीठ उच्च न्यायालय से 12 सितम्बर 2015 को निर्णीत समस्त याचिकाओं के डिफेन्स में कैविएट डाली थी और चूँकि आईए संख्या 2,3/2015 में मुख्य याची हिमांशु था उस समय तो उसके लिए वो आसानी से ये काम कर सकता है । इसके अलावा शिक्षा मित्रो के प्रशिक्षण को चैलेंज करने हेतु हमारी विशेष अनुज्ञा याचिका का डायरी न. 32552 Himanshu Rana Vs State of U.P. & oths etc. से पड़ चुकी है जिसकी पैरवी यथोचित समय के अनुसार की जाएगी , सर्वप्रथम हमारा ध्यान सरकार और शिक्षा मित्र खेमे की तरफ से आ रही एसएलपी की पैरवी की ओर केन्द्रीत है ।
2) 2 नवंबर 2015 के आदेश में वरिष्ठ अधिवक्ता नंदन सर के द्वारा WP (c) 167/2015 Himanshu Rana & oths Vs Union of India में आये काउंटर के पैरा 2 में उल्लेखित 3 लाख 8 हजार 516 रिक्त पदों को सरकारी अधिवक्ता गौरव भाटिया जी के द्वारा एक्सप्लेन करने को कहा है नाकि काउंटर मंगाने के लिए । यहाँ सरकार अब फंस चुकी है नोडल अधिवक्ता की वजह से जिनके अनुसार 10 से 12000 पद खाली हैं जबकि काउंटर में लिखा है 'there is an immediate need of 3,08,516 assistant teachers in primary schools' अब आप खुद सोचें सरकार को 2 बार बैकफुट पर कौन लाया ?
शिक्षा मित्र केस में रमणी जी की विदाई करायी टीम ने और पूरा यूपी अधिकारियों के साथ सुप्रीम कोर्ट बुला लिया और इस बार भाटिया जी के लिए मुश्किलें खड़ी करी हैं क्योंकि एक्सप्लेन उन्हें करना है। इसमें भी डीपी और हिमांशु सभी कागजी करवाई के लिए एक आईए और डालेंगे जिसे समय आने पर उल्लेखित कर दिया जाएगा ।
उपरोक्त सभी मुद्दों की तैयारी के लिए हिमांशु दिल्ली में है और जरूरत अनुसार टीम भी पहुँच जाएगी ।
3) आपके समक्ष सबकुछ बता दिया है और माननीय न्यायाधीश दीपक मिश्रा जी का नजरिया और भी साफ़ है कि झूठ तो बोल ही गए हैं नोडल अधिवक्ता पर 1 लाख 70 हजार और साफ़ कर देता हूँ तो कैसे छिपाएंगे ? शिक्षा मित्र केस में एक रुपए की राहत माननीय सर्वोच्च न्यायालय से किसी भी वादी पक्ष को नहीं मिलेगी जो एसएलपी बंच में ला रहे हैं वो मात्र ज्यादा से ज्यादा सीनियर्स को खड़ा करने के लिए है पर संविधान कोई नहीं बदल सकता है। हाँ यहाँ एक बात और जो हमें लगती है कि सरकार और विपक्षी खेमा मामले को लंबा खींचना चाहता है पर उम्मीदानुसार मामला 75% न्यायाधीश मिश्रा जी के संज्ञान में जाएगा और वो ज्यादा समय न लेते हुए मामले को खारिज कर देंगे ।
बातें कुछ हटकर :
फेसबुक पर कुछ न्यायाधीश सक्रिय हैं जिनके लिए एक आर्टिकल 32 में अबकी बार मैं याचिका डालकर नियुक्ति की डिमांड करूँगा क्योंकि उनके विधिक ज्ञान से बेरोजगार त्रस्त हैं और लुटे का रहे हैं तो उससे बेहतर है वे प्राथमिक शिक्षक की जगह उच्च न्यायालय में बैठाए जाएँ और अभी हाल ही में एक पत्रिका में प्रकाशित भी हुआ है कि भारी मात्रा में जजों की आवश्यकता है तो इनके लिए भी जुगाड़ कर रहा हूँ।
धन्यवाद
आपका
अमित सिंह गोंडा
टीईटी 2011 उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा , उत्तरप्रदेश
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
1) शिक्षा मित्र मुद्दे पर अभी सरकार और शिक्षा मित्र खेमे की तरफ से एसएलपी आनी जारी हैं और ज्ञात सूत्रों से पता चला है कि उत्तरप्रदेश सरकार की तरफ से मुख्य विशेष अनुज्ञा याचिका भी 20 नवंबर तक आ जाएगी।
इस मुद्दे पर हमारी कैविएट जिसको हम दिखा भी चुके हैं सभी याचिकाओं के डिफेन्स में डाली है क्योंकि जैसा अंदेशा हमारी तरफ से लगाया जा रहा था कि ये हमसे डरकर (49147/2015 जिसमे राणा और डीपी याची हैं) हमें पार्टी नहीं बनाएंगे और एक विशेष अनुज्ञा याचिका के मुख्य पृष्ठ पर देखा गया भी है कि इन्होंने हमें पार्टी नहीं बनाया है , इसी दूरगामी सोच को रखकर हमने वृहद पीठ उच्च न्यायालय से 12 सितम्बर 2015 को निर्णीत समस्त याचिकाओं के डिफेन्स में कैविएट डाली थी और चूँकि आईए संख्या 2,3/2015 में मुख्य याची हिमांशु था उस समय तो उसके लिए वो आसानी से ये काम कर सकता है । इसके अलावा शिक्षा मित्रो के प्रशिक्षण को चैलेंज करने हेतु हमारी विशेष अनुज्ञा याचिका का डायरी न. 32552 Himanshu Rana Vs State of U.P. & oths etc. से पड़ चुकी है जिसकी पैरवी यथोचित समय के अनुसार की जाएगी , सर्वप्रथम हमारा ध्यान सरकार और शिक्षा मित्र खेमे की तरफ से आ रही एसएलपी की पैरवी की ओर केन्द्रीत है ।
2) 2 नवंबर 2015 के आदेश में वरिष्ठ अधिवक्ता नंदन सर के द्वारा WP (c) 167/2015 Himanshu Rana & oths Vs Union of India में आये काउंटर के पैरा 2 में उल्लेखित 3 लाख 8 हजार 516 रिक्त पदों को सरकारी अधिवक्ता गौरव भाटिया जी के द्वारा एक्सप्लेन करने को कहा है नाकि काउंटर मंगाने के लिए । यहाँ सरकार अब फंस चुकी है नोडल अधिवक्ता की वजह से जिनके अनुसार 10 से 12000 पद खाली हैं जबकि काउंटर में लिखा है 'there is an immediate need of 3,08,516 assistant teachers in primary schools' अब आप खुद सोचें सरकार को 2 बार बैकफुट पर कौन लाया ?
शिक्षा मित्र केस में रमणी जी की विदाई करायी टीम ने और पूरा यूपी अधिकारियों के साथ सुप्रीम कोर्ट बुला लिया और इस बार भाटिया जी के लिए मुश्किलें खड़ी करी हैं क्योंकि एक्सप्लेन उन्हें करना है। इसमें भी डीपी और हिमांशु सभी कागजी करवाई के लिए एक आईए और डालेंगे जिसे समय आने पर उल्लेखित कर दिया जाएगा ।
उपरोक्त सभी मुद्दों की तैयारी के लिए हिमांशु दिल्ली में है और जरूरत अनुसार टीम भी पहुँच जाएगी ।
3) आपके समक्ष सबकुछ बता दिया है और माननीय न्यायाधीश दीपक मिश्रा जी का नजरिया और भी साफ़ है कि झूठ तो बोल ही गए हैं नोडल अधिवक्ता पर 1 लाख 70 हजार और साफ़ कर देता हूँ तो कैसे छिपाएंगे ? शिक्षा मित्र केस में एक रुपए की राहत माननीय सर्वोच्च न्यायालय से किसी भी वादी पक्ष को नहीं मिलेगी जो एसएलपी बंच में ला रहे हैं वो मात्र ज्यादा से ज्यादा सीनियर्स को खड़ा करने के लिए है पर संविधान कोई नहीं बदल सकता है। हाँ यहाँ एक बात और जो हमें लगती है कि सरकार और विपक्षी खेमा मामले को लंबा खींचना चाहता है पर उम्मीदानुसार मामला 75% न्यायाधीश मिश्रा जी के संज्ञान में जाएगा और वो ज्यादा समय न लेते हुए मामले को खारिज कर देंगे ।
बातें कुछ हटकर :
फेसबुक पर कुछ न्यायाधीश सक्रिय हैं जिनके लिए एक आर्टिकल 32 में अबकी बार मैं याचिका डालकर नियुक्ति की डिमांड करूँगा क्योंकि उनके विधिक ज्ञान से बेरोजगार त्रस्त हैं और लुटे का रहे हैं तो उससे बेहतर है वे प्राथमिक शिक्षक की जगह उच्च न्यायालय में बैठाए जाएँ और अभी हाल ही में एक पत्रिका में प्रकाशित भी हुआ है कि भारी मात्रा में जजों की आवश्यकता है तो इनके लिए भी जुगाड़ कर रहा हूँ।
धन्यवाद
आपका
अमित सिंह गोंडा
टीईटी 2011 उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा , उत्तरप्रदेश
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