अध्यक्ष और तीन सदस्यों की नियुक्ति रद्द, लेकिन नई नियुक्ति नहीं
इलाहाबाद (ब्यूरो)। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के सभी पद एक बार फिर खाली हो गए हैं। लंबे संघर्ष के बाद आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करके भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अब एक बार फिर पुरानी स्थिति बन गई है और सबकुछ ठप हो गया है।
इसकी वजह से एक और भर्ती भी फंसती दिख रही है।
आयोग में आठ साल से गतिरोध बना हुआ है। इस दौरान कोई भर्ती नहीं हुई। हालांकि इस दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर की दो भर्तियों के लिए विज्ञापन हुआ, लेकिन अब उन्हें निरस्त किया जा चुका है। एक समय तो आयोग को भंग करने की आशंका बनने लगी थी। हालांकि अफसरों के प्रयास के बाद चार सदस्यों की नियुक्ति की गई। वरिष्ठ सदस्य डॉ.रामवीर सिंह यादव को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए परीक्षा भी करा ली गई, लेकिन इसी बीच अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया। इसके बाद लाल बिहारी पांडेय को स्थायी अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन कुछ दिन बाद ही हाईकोर्ट ने अध्यक्ष तथा तीन अन्य सदस्यों की नियुक्ति रद्द कर दी।
हाईकोर्ट के आदेश पर अब शासन की ओर से भी अध्यक्ष और तीन सदस्यों को हटा दिया गया है, लेकिन इस फरमान के पखवाड़े भर बाद भी नई नियुक्ति नहीं हुई है। इस समय आयोग में सिर्फ सदस्य हैं। ऐसे में कोरम के अभाव में सबकुछ ठप है।
कोरम के अभाव में सबकुछ ठप, पहले भी निरस्त हो चुकी हैं दो भर्तियां
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इलाहाबाद (ब्यूरो)। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के सभी पद एक बार फिर खाली हो गए हैं। लंबे संघर्ष के बाद आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करके भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अब एक बार फिर पुरानी स्थिति बन गई है और सबकुछ ठप हो गया है।
इसकी वजह से एक और भर्ती भी फंसती दिख रही है।
आयोग में आठ साल से गतिरोध बना हुआ है। इस दौरान कोई भर्ती नहीं हुई। हालांकि इस दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर की दो भर्तियों के लिए विज्ञापन हुआ, लेकिन अब उन्हें निरस्त किया जा चुका है। एक समय तो आयोग को भंग करने की आशंका बनने लगी थी। हालांकि अफसरों के प्रयास के बाद चार सदस्यों की नियुक्ति की गई। वरिष्ठ सदस्य डॉ.रामवीर सिंह यादव को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए परीक्षा भी करा ली गई, लेकिन इसी बीच अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया। इसके बाद लाल बिहारी पांडेय को स्थायी अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन कुछ दिन बाद ही हाईकोर्ट ने अध्यक्ष तथा तीन अन्य सदस्यों की नियुक्ति रद्द कर दी।
हाईकोर्ट के आदेश पर अब शासन की ओर से भी अध्यक्ष और तीन सदस्यों को हटा दिया गया है, लेकिन इस फरमान के पखवाड़े भर बाद भी नई नियुक्ति नहीं हुई है। इस समय आयोग में सिर्फ सदस्य हैं। ऐसे में कोरम के अभाव में सबकुछ ठप है।
कोरम के अभाव में सबकुछ ठप, पहले भी निरस्त हो चुकी हैं दो भर्तियां
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