अमरोहा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों चयन के सन्दर्भ में माo सर्वोच्च
न्यायालय के आदेश के अनुपालन में शेष 12091 अभ्यर्थियों के दिनांक
10.02.2016 को आयोजित काउंसिलिंग हेतु जारी जनपद में आवंटित 200 पदों में
से अवशेष के सापेक्ष कट ऑफ़ मेरिट विज्ञप्ति देखें, व डाउनलोड करें
शिक्षक पात्रता परीक्षा में शिक्षण कार्य से जुड़े सवालों की भरमार रही। साथ ही मनोविज्ञान के सवालों ने परीक्षार्थियों को परेशान किया। परीक्षा की दोनों पालियों में जिस तरह से शिक्षण के सवाल आए, उससे साफ हो गया कि जिस अभ्यर्थी ने इसमें दक्षता हासिल की है वही शिक्षक बनने का पात्र हो सकेगा।
शिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 में लाखों की तादात में परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलनी है जिन्हें शिक्षण कार्य का बारीकी से ज्ञान रहा। ऐसा परीक्षा की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों का कहना है। प्रश्न पत्र में शिक्षण पद्धति से जुड़े तमाम पहलुओं को इस बार शामिल किया गया। भावी शिक्षक मनोविज्ञान के कुछ सवालों में चकरा गए। प्रश्नों को इस तरह से पूछा गया था कि जिससे यह पता चल सके कि भावी शिक्षकों की छात्रों के प्रति कैसी सोच है। इस समय प्रदेश में उच्च और प्राथमिक शिक्षा की हालत काफी दयनीय है, ऐसे में सरकार की कोशिश है कि भविष्य में योग्य शिक्षकों की ही नियुक्ति विद्यालयों में की जाए। ऐसे में उसे विधिवत परखा गया।
बहरहाल, दोनों पालियों की परीक्षा में 150 नंबर के 150 सवाल पूछे गए। प्रथम पाली में पूछे गए प्रश्नों में 60 प्रश्न सामान्य अध्ययन, 30 हंिदूी, 30 बाल विकास एवं अभिज्ञान एवं 30 प्रश्न भाषा से संबंधित थे। दूसरी पाली की परीक्षा में 30 प्रश्न बाल मनोविज्ञान, 30 हंिदूी, 30 गणित, 30 पर्यावरणीय शिक्षा एवं 30 प्रश्न भाषा से संबंधित थे। हालांकि, बीएड वालों के लिए प्रश्न पत्र में शामिल सवाल अलग थे। दोनों पाली की परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों ने प्रश्न पत्र को काफी आसान बताते हुए कहा कि जिनकी तैयारी अच्छी है उन्हें सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।ज्वाला देवी इंटर कालेज से टीइटी की परीक्षा देकर निकलते अभ्यर्थी।
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ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
शिक्षक पात्रता परीक्षा में शिक्षण कार्य से जुड़े सवालों की भरमार रही। साथ ही मनोविज्ञान के सवालों ने परीक्षार्थियों को परेशान किया। परीक्षा की दोनों पालियों में जिस तरह से शिक्षण के सवाल आए, उससे साफ हो गया कि जिस अभ्यर्थी ने इसमें दक्षता हासिल की है वही शिक्षक बनने का पात्र हो सकेगा।
शिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 में लाखों की तादात में परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलनी है जिन्हें शिक्षण कार्य का बारीकी से ज्ञान रहा। ऐसा परीक्षा की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों का कहना है। प्रश्न पत्र में शिक्षण पद्धति से जुड़े तमाम पहलुओं को इस बार शामिल किया गया। भावी शिक्षक मनोविज्ञान के कुछ सवालों में चकरा गए। प्रश्नों को इस तरह से पूछा गया था कि जिससे यह पता चल सके कि भावी शिक्षकों की छात्रों के प्रति कैसी सोच है। इस समय प्रदेश में उच्च और प्राथमिक शिक्षा की हालत काफी दयनीय है, ऐसे में सरकार की कोशिश है कि भविष्य में योग्य शिक्षकों की ही नियुक्ति विद्यालयों में की जाए। ऐसे में उसे विधिवत परखा गया।
बहरहाल, दोनों पालियों की परीक्षा में 150 नंबर के 150 सवाल पूछे गए। प्रथम पाली में पूछे गए प्रश्नों में 60 प्रश्न सामान्य अध्ययन, 30 हंिदूी, 30 बाल विकास एवं अभिज्ञान एवं 30 प्रश्न भाषा से संबंधित थे। दूसरी पाली की परीक्षा में 30 प्रश्न बाल मनोविज्ञान, 30 हंिदूी, 30 गणित, 30 पर्यावरणीय शिक्षा एवं 30 प्रश्न भाषा से संबंधित थे। हालांकि, बीएड वालों के लिए प्रश्न पत्र में शामिल सवाल अलग थे। दोनों पाली की परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों ने प्रश्न पत्र को काफी आसान बताते हुए कहा कि जिनकी तैयारी अच्छी है उन्हें सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।ज्वाला देवी इंटर कालेज से टीइटी की परीक्षा देकर निकलते अभ्यर्थी।
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