नई दिल्ली
(भाषा)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि नई
शिक्षा नीति तैयार करने के लिए गठित समिति के सदस्यों को उनके प्रशासनिक
अनुभवों के आधार पर चुना गया है। नई नीति के संबंध में समाज के तमाम तबकों
के साथ विचार विमर्श किया गया है।
स्मृति ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की।
उनसे सवाल किया गया था कि नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए गठित समिति में क्या अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
केंद्र ने नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए टीएस आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। मंत्री ने कहा कि समिति में शामिल किए गए सदस्यों को उनके प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर चुना गया है और वे समर्थ प्रशासक हैं। उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करने के लिए व्यापक परामर्श प्रक्रि या अपनाई गई जिसमें एक लाख से अधिक गांवों, 3000 से ज्यादा ब्लॉकों, शहरी निकायों और अल्पसंख्यक संस्थानों से भी सुझाव मिले। उन्होंने कहा कि कई सांसदों से सुझाव मिले।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस संबंध में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों के साथ भी विचार विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि नई नीति का मसौदा तैयार करने में देश की विविधता को ध्यान में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न पक्षों से मिले सुझाव समिति को भेज दिए गए हैं और समिति इन सुझावों और सिफारिशों की जांच करेगी तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ ही कार्रवाई के लिए ‘‘फेमवर्क’ तैयार करेगी। स्मृति ईरानी ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पिछले महीने समाचार पत्रों में राजस्थान की नई पाठ्य पुस्तकों से पश्चिमी विद्वानों को हटाए जाने की रिपोर्टे थीं।
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स्मृति ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की।
उनसे सवाल किया गया था कि नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए गठित समिति में क्या अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
केंद्र ने नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए टीएस आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। मंत्री ने कहा कि समिति में शामिल किए गए सदस्यों को उनके प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर चुना गया है और वे समर्थ प्रशासक हैं। उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करने के लिए व्यापक परामर्श प्रक्रि या अपनाई गई जिसमें एक लाख से अधिक गांवों, 3000 से ज्यादा ब्लॉकों, शहरी निकायों और अल्पसंख्यक संस्थानों से भी सुझाव मिले। उन्होंने कहा कि कई सांसदों से सुझाव मिले।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस संबंध में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों के साथ भी विचार विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि नई नीति का मसौदा तैयार करने में देश की विविधता को ध्यान में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न पक्षों से मिले सुझाव समिति को भेज दिए गए हैं और समिति इन सुझावों और सिफारिशों की जांच करेगी तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ ही कार्रवाई के लिए ‘‘फेमवर्क’ तैयार करेगी। स्मृति ईरानी ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पिछले महीने समाचार पत्रों में राजस्थान की नई पाठ्य पुस्तकों से पश्चिमी विद्वानों को हटाए जाने की रिपोर्टे थीं।
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