शिक्षामित्र दंपति को कोर्ट से नहीं मिली राहत : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

जागरण संवाददाता, एटा: ग्राम पंचायत शिक्षा समिति कसेला की फर्जी बैठक दर्शाकर आपस में एक दूसरे स्कूल में स्थानांतरण करके जालसाजी करने के मामले में नामित शिक्षामित्र दंपति को दुबारा पुलिस जांच से मुक्ति देने से न्यायालय ने इंकार कर दिया।

हुआ यह कि जैथरा थानाक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कसेला में संचालित प्राथमिक विद्यालय कसेला के प्रभारी प्रधान अध्यापक अरुण कुमार व शिक्षामित्र सुनील कुमार तथा प्राथमिक विद्यालय सिराऊ के प्रधानाध्यापक रामसनेही और शिक्षामित्र रजनी देवी ने 31 मार्च 2012 को ग्राम पंचायत की ग्राम शिक्षा समिति की फर्जी बैठक दिखाते हुए प्रपत्र बनाकर शिक्षामित्र दंपति सुनील कुमार व रजनी देवी को आपस में स्थानान्तरित कर दिया। जब पंचायत निवासी देवेंद्र पांडेय ने सूचनाधिकार में बैठक की जानकारी प्राप्त की तो उन्हें ग्राम प्रधान मुन्नी देवी ने बताया कि उस दिन कोई बैठक ही नहीं हुई थी। जिस पर जिलाधिकारी से की शिकायत के आधार पर शिक्षामित्र दंपति समेत प्रधानाध्यापकों के खिलाफ जैथरा कोतवाली में धोखाधड़ी करने व फर्जी दस्तावेज बनाने का मामला दर्ज हुआ। सीजेएम अदालत ने 01 अगस्त 2015 को मामले की दुबारा जांच करने का कोतवाली जैथरा पुलिस को आदेश दिया था। इस आदेश को कानून विरोधी बताते हुए शिक्षामित्र दंपति ने रिवीजन अदालत में चुनौती दी। शुक्रवार को हुई सुनवाई में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ¨सह यादव ने सीजेएम के आदेश में कोई भी त्रुटि न पाते हुए शिक्षामित्र दंपति की रिवीजन अर्जी को खारिज कर दिया।
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