यूपीः शिक्षकों के जिलों के अंदर तबादले-समायोजन शुरू, नीति जारी

सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के जिलों के अंदर तबादले/ समायोजन की नीति जारी कर दी गई है। इसमें पारस्परिक स्थानांतरण को वरीयता दी जाएगी यानी दो स्कूलों में काम कर रहे दो शिक्षकों के तबादलों को वरीयता मिलेगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने आदेश जारी कर दिया है।
शिक्षकों को वरीयता के क्रम में पांच स्कूल देने होंगे।
उन्होंने कहा है कि स्कूलवार छात्र संख्या और शिक्षकों की संख्या एनआईसी की वेबसाइट पर डाल दी जाए। छात्र संख्या का आधार बीते वर्ष की परीक्षाओं की छात्र संख्या होगी। फिर आरटीई के मानकों के मुताबिक ही तबादले किए जाएंगे लेकिन किसी भी स्कूल में सृजित पद से ज्यादा शिक्षक न हों।
आवेदन निर्धारित प्रारूप पर खण्ड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किए जाएंगे। इच्छुक शिक्षक को पांच स्कूलों का विकल्प वरीयता क्रम में देना होगा। इन आवेदन पत्रों की कम्प्यूटर में फीडिंग होगी।
वहीं, पहले तबादले और फिर जरूरत के मुताबिक समायोजन किए जाएंगे जिससे सभी स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत पूरी हो सके। पहली वरीयता पारस्परिक स्थानांतरण को दी जाएगी। यानी दो स्कूलों में काम कर रहे दो शिक्षकों के बीच होने वाला तबादला। इसके बाद विकलांग, कैंसर, हेपेटाइटिस, लकवा, अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। उनके पति-पत्नी या बच्चे इन रोगों से ग्रसित हो तो भी उन्हें वरीयता मिलेगी।
एक स्कूल में एक से अधिक आवेदक होने पर वरीयता का क्रम विकलांग, गंभीर रोगों से ग्रसित, विधवा, महिला और इसके बाद पुरुष होगा। यदि सभी आवेदक एक ही श्रेणी के हो तो बड़ी उम्र के आवेदक को वरीयता मिलेगी। 

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