निलंबित शिक्षकों की बहाली आसान नहीं

ललितपुर। जिले में एक दर्जन से ज्यादा निलंबित चल रहे शिक्षकों को बहाली के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा। जिलाधिकारी ने निलंबित शिक्षकों को बहाल करने से पहले उन्हें सीन कराने के निर्देश बीएसए को दिए हैं।
परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को अनेक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, लेकिन उनके क्रियान्वयन में शिक्षकों की लापरवाही उजागर हो रही हैं।
तत्कालीन बीएसए ने ऐसे कई शिक्षकों को विभिन्न मामलों में निलंबित किया है, इनमें ड्रेस वितरण में गड़बड़ी के आरोप में सबसे ज्यादा शिक्षक निलंबित हुए हैं।

कई शिक्षकों का निलंबन छह माह से लेकर एक साल तक का हो गया है। कई शिक्षकों को जांच अधिकारियों ने क्लीन चिट दे दी है। इसके बाद भी उन्हें बहाली नहीं मिल सकी है। ऐसे शिक्षकों को इस बात का मलाल भी है।

वहीं, पिछले दिनों चार शिक्षकों को बहाली दे दी गई, जिस पर शिक्षकों ने एतराज जताया है। इसे संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी डा. रूपेश कुमार ने निलंबित शिक्षकों की बहाली के पहले उन्हें सीन कराने के निर्देश बीएसए को दिए हैं। उधर, बीएसए शमीम खानम का कहना है कि अब शिक्षकों की बहाली डीएम की सहमति पर ही की जाएगी। ऐसे में निलंबित शिक्षकों को बहाली के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

इन्हें मिली बहाली
प्राथमिक विद्यालय उबेर के सहायक अध्यापक मुदित, प्राथमिक विद्यालय हीरापुर बुढ़वार के ध्यान सिंह, प्राथमिक विद्यालय मसौरा कलां की ऊषारानी, प्राथमिक विद्यालय चंदेरा के संजीव सिद्धार्थ और प्राथमिक विद्यालय बम्हौरीसर की रश्मि पुरवार को बहाली दी गई है। खास बात यह है कि निलंबित शिक्षकों को चेतावनी देते हुए पूर्व के विद्यालय में तैनाती दी गई है, जबकि निलंबित शिक्षकों को अन्यत्र नियुक्त करने की मांग की जा रही है। ऐसे में बहाली पर अंगुलियां उठना लाजिमी हैं।

शिक्षक ने लगाया सुविधा शुल्क मांगने का आरोप
विकासखंड महरौनी के पूर्व माध्यमिक बुदनी के सहायक अध्यापक पंचम सिंह ने बीएसए को शिकायती पत्र देकर एक कर्मी पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप लगाया है। सहायक अध्यापक ने बीएसए को लिखे शिकायती पत्र में कहा कि वह 11 माह से निलंबित चल रहा है। आरोप लगाया कि तत्कालीन बीएसए के समय उससे ज्यादा पैसा मांगा जा रहा था, लेकिन अब कम पैसे मांगे जा रहे हैं।

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