जासं, इलाहाबाद : लंबे समय से उपेक्षा का शिकार वित्तवविहीन शिक्षक अब शांत नहीं बैठेंगे।
राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कारों में वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य शामिल किए जाएं, परीक्षा केंद्र प्रणाली पारदर्शी हो, शैक्षिक सत्र जुलाई से करने के साथ वित्तविहीन अध्यापकों को उचित मानदेय की मांग वह हर मंच पर उठाएंगे। यह रणनीति माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों के चिंतन शिविर के अंतिम दिन बनी।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे शिविर में एमएलसी बासुदेव यादव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते कहा कि वह वित्तविहीन शिक्षकों की समस्याओं से वाकिफ हैं, उसे दूर कराने को हर लड़ाई लड़ेंगे। प्रधान महासचिव अशोक राठौर ने कहा कि सरकार हो या शिक्षक प्रतिनिधि सबने वित्तविहीन अध्यापकों की भावनाओं से खेला है। वह हमारे वोट पर राज करते हैं, परंतु हमारे लिए करते कुछ नहीं। एमएलसी डॉ. यज्ञदत्त शर्मा, उमेश द्विवेदी, रामवीर सिंह यादव, संजय मिश्र व विजय त्रिपाठी ने कहा कि वित्तविहीन शिक्षक अब अपना हक लेकर रहेंगे। संजीव बाजपेई, सोम दीक्षित, रेनू मिश्रा, विद्याधर द्विवेदी ने कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों को अब कोई बरगला नहीं पाएगा, क्योंकि अब समर्थन उसी को मिलेगा जो हमें अधिकार व सम्मान देगा। इस दौरान राजेंद्र प्रताप, लालबहादुर, छोटेलाल, अजय सिंह, राम अवतार, राम मिश्रा, सतीश राजपूत, शरद तिवारी मौजूद थे।
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