रिटेन सब्मिसन (लिखित दस्तावेज) क्या होगा...?????
उत्तर प्रदेश की इस पूर्ण बहुमत की सरकार द्वारा केबिनेट की बैठक करके 14फरबरी2014 को यह पारित किया है कि प्रदेश में कुल 1,10,376 प्राथमिक विद्यालय है। जिसमें RTE एक्ट 09 के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपान को कायम करने हेतु कुल 4,86,182 शिक्षकों की आवश्यकता है
जिसमें केबल 1,77,866 शिक्षक ही कार्यरत है अतः 3,08,316 शिक्षकों की तत्काल आवश्यकता है। यह वह समय था जब बीएड/टेट पास अभ्यर्थियों को भी NCTE से अनुमति/छूट (31मार्च 2014 से पूर्व) प्रदान थी तथा उपरोक्त रिक्त पदों हेतु न्यूनतम योग्यता रखने वाले सिर्फ हम बीएड/टेट पास अभ्यर्थी ही है जो 25 नवम्बर 2011 में ही सरकार के पास उपलब्ध थे किन्तु द्वारा जानबूझ कर अनदेखी की गयी तथा अयोग्य शिक्षामित्रों को उक्त पदों पर समायोजित किया गया जिनको इलाहाबाद हाइकोर्ट की लार्जर बैंच ने 12सितम्बर2015 को अवैध करार दिया है तथा सरकार द्वारा किये गए संशोधनों को असंवैधानिक करार दिया तथा यह भी स्पस्ट किया है कि राज्य सरकार को यह संशोधन करने का अधिकार ही नही है। अतः RTEएक्ट के पालन तथा गुणवत्ता परक बालशिक्षा हेतु योग्य शिक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय से निवेदन है कि वह राज्य सरकार को आदेशित करें। इसके अतिरिक्त याची लाभ हेतु अलग से प्रयास किया जायेगा जिसमें जिस तरह माननीय न्यायपालिका ने जिस प्रकार 1100याचियों पर मर्सी दिखाई है ठीक उसी प्रकार समस्त याचियों को भी एडहॉक नियुक्ति का आदेश प्रदान करें ताकि बाल शिक्षा तत्काल प्रभाव से सुदृढ़ की जा सकें।
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उत्तर प्रदेश की इस पूर्ण बहुमत की सरकार द्वारा केबिनेट की बैठक करके 14फरबरी2014 को यह पारित किया है कि प्रदेश में कुल 1,10,376 प्राथमिक विद्यालय है। जिसमें RTE एक्ट 09 के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपान को कायम करने हेतु कुल 4,86,182 शिक्षकों की आवश्यकता है
जिसमें केबल 1,77,866 शिक्षक ही कार्यरत है अतः 3,08,316 शिक्षकों की तत्काल आवश्यकता है। यह वह समय था जब बीएड/टेट पास अभ्यर्थियों को भी NCTE से अनुमति/छूट (31मार्च 2014 से पूर्व) प्रदान थी तथा उपरोक्त रिक्त पदों हेतु न्यूनतम योग्यता रखने वाले सिर्फ हम बीएड/टेट पास अभ्यर्थी ही है जो 25 नवम्बर 2011 में ही सरकार के पास उपलब्ध थे किन्तु द्वारा जानबूझ कर अनदेखी की गयी तथा अयोग्य शिक्षामित्रों को उक्त पदों पर समायोजित किया गया जिनको इलाहाबाद हाइकोर्ट की लार्जर बैंच ने 12सितम्बर2015 को अवैध करार दिया है तथा सरकार द्वारा किये गए संशोधनों को असंवैधानिक करार दिया तथा यह भी स्पस्ट किया है कि राज्य सरकार को यह संशोधन करने का अधिकार ही नही है। अतः RTEएक्ट के पालन तथा गुणवत्ता परक बालशिक्षा हेतु योग्य शिक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय से निवेदन है कि वह राज्य सरकार को आदेशित करें। इसके अतिरिक्त याची लाभ हेतु अलग से प्रयास किया जायेगा जिसमें जिस तरह माननीय न्यायपालिका ने जिस प्रकार 1100याचियों पर मर्सी दिखाई है ठीक उसी प्रकार समस्त याचियों को भी एडहॉक नियुक्ति का आदेश प्रदान करें ताकि बाल शिक्षा तत्काल प्रभाव से सुदृढ़ की जा सकें।
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