फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : अनेक परिषदीय शिक्षक कई-कई दिनों तक विद्यालय नहीं जाते, लेकिन उनकी उपस्थिति रजिस्टर पर अंकित हो जाती। वेतन भी उन्हें पूरा मिलता। खंड शिक्षा अधिकारी व शिक्षकों के गठजोड़ से यह खेल चलता ही रहता है।
अब यह खेल बड़े अधिकारियों को भी समझ में आ गया। इसीलिए शिक्षकों की नियमित उपस्थिति का उत्तरदायित्व खंड शिक्षा अधिकारी पर ही डाल दिया गया है।
दूसरे जनपदों के मूल निवासी कई शिक्षकों की उपस्थिति यदा कदा हो होती है। न्याय पंचायत समन्वयक, एबीआरसी, खंड शिक्षा अधिकारी स्तर पर जानकारी होने के बावजूद मामला दबा ही रहता है। से¨टग गे¨टग का खेल भी चलता है। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक ने मंडल के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि विद्यालयों का निरीक्षण करने पर पाया जाता है कि छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। पाठ्य पुस्तकों को भी ठीक से नहीं पढ़ाया जाता। नैतिक शिक्षा भी नहीं दी जाती। बच्चों की उपस्थिति भी कम रहती। इसका एक कारण अध्यापकों की नियमित उपस्थिति न होना भी है।
शिक्षा में गुणवत्ता व अध्यापकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करने तथा शिथिलता होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी भेजे गए। औरैया में गेल द्वारा शिक्षा सुधार के लिए 127 ग्रामों में किए जा रहे कार्य से शिक्षा में गुणात्मक सुधार होने की बात भी कही गई है। एडी बेसिक ने औरैया के माडल पर कार्य करने व नियमित निरीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। बीएसए संदीप चौधरी ने बताया कि आयुक्त व एडी बेसिक के दिशा निर्देश के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
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