नई दिल्ली।सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर फेडरेशनों के नेताओं ने क्या कर्मचारियों को गुमराह किया था..? इसका खुलासा बीते दिनों राज्य सभा में हुआ जब वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक प्रश्र के उत्तर में साफ किया कि सरकार के पास फिटमेंट फर्मूला बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
गौरतलब है कि फेडरेशनों के नेताओं ने 11 जुलाई की हड़ताल को स्थगित करते हुये दावा किया था कि सरकार न्यून्यतम वेतन बढ़ाने की मांग पर सहमत है ओर इसके लिये एक हाईपावर कमेटी का गठन कर फिटमेंट फार्मूला तथा एनपीएस पर कमेटी निर्णय करेगी।
वहीं रेलवार्ता ने साफ कर दिया था कि सरकार ने किसी भी प्रकार को कोई आश्वासन देने से इंकार कर दिया है और नेताओं ने सरकार के आगे घुटने टेकते हुये हड़ताल को स्थगित किया है।
रेलवार्ता की खबर बीते दिनों सच की कसौटी पर सौ प्रतिशत खरी उतरी। राज्य सभा में संसद सदस्य नीरज शेखर के एक प्रश्र के उत्तर मेें वित्त मंत्री अरूण जेटली ने साफ कर दिया कि फिटमेंट फर्मूला बढ़ाने का सरकार का कोई ईरादा नहीं है।
सातवें वेतन आयोग ने इस सम्बध में पूरी तरह से तथ्यों के आधार पर इसको फिक्स किया है। वेतन आयोग ने फिटमेंट फार्मूला को निर्धारण करने के लिये सभी आवश्यक तथ्यों के साथ इसको प्रस्तावित किया है जिसे सरकार ने स्वीकर किया है। अब इसमें किसी तरह के बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
सरकार ने माना कि कर्मचारियों की यूनियनों ने 11 जुलाई को हड़ताल करने की कहा था जिसे उन्होने स्थगित कर दिया गया है अब सरकार की कोशिश है कि आगे ऐसी स्थिति न आये।
दूसरी ओर हड़ताल को स्थगित करते वक्त फेडरेशनों के नेताओं ने दावा किया था कि उनके दबाव के आगे सरकार झुक गई है और न्यून्यतम वेतन सहित फिटमेंट फार्मूला के साथ ही एनपीएस पर सरकार उनकी मांग मानने को तैयार हो गई है। इस पर एक हाईपावर समिति का गठन किया जायेगा जिसकी रिर्पोट के आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी। हालांकि सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते समय एलान किया था कि कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों के ऊपर सरकार ने एक समति बनाने का निर्णय लिया है जो चार माह में अपनी रिपोर्ट देगी।
सरकार ने इस घोषणा पर अमल करते हुये पिछले दिनों वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में समिति का गठन भी कर दिया लेकिन नेताओं के साथ हुये समझौते के बाद अभी समिति का गठन नहीं किया है। हालांकि इसके गठन पर विचार चल रहा है और कभी भी इसे गठित किया जा सकता है। जहां तक रेलवार्ता को इस सम्बध में जानकारी का सवाल है उसके अनुसार अभी यह समिति गठित नहीं की गई है।
अब वित्त मंत्री अरूण जेटली के राज्य सभा में उत्तर के बाद यह साफ हो गया है कि फेडरेशनों के नेताओं ने हड़ताल स्थगित करने के लिये कर्मचारियों को गुमराह किया था। श्री जेटल के जबाव के बाद स्थिति एकदम साफ हो गई है। जब फिटमेंट फार्मूला ही नहीं बढ़ेगा तब फिर न्यून्यतम और अधिकतम वेतन में किसी भी प्रकार की कोई बढ़ोत्तरी का सवाल ही नहीं उठता है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
गौरतलब है कि फेडरेशनों के नेताओं ने 11 जुलाई की हड़ताल को स्थगित करते हुये दावा किया था कि सरकार न्यून्यतम वेतन बढ़ाने की मांग पर सहमत है ओर इसके लिये एक हाईपावर कमेटी का गठन कर फिटमेंट फार्मूला तथा एनपीएस पर कमेटी निर्णय करेगी।
वहीं रेलवार्ता ने साफ कर दिया था कि सरकार ने किसी भी प्रकार को कोई आश्वासन देने से इंकार कर दिया है और नेताओं ने सरकार के आगे घुटने टेकते हुये हड़ताल को स्थगित किया है।
रेलवार्ता की खबर बीते दिनों सच की कसौटी पर सौ प्रतिशत खरी उतरी। राज्य सभा में संसद सदस्य नीरज शेखर के एक प्रश्र के उत्तर मेें वित्त मंत्री अरूण जेटली ने साफ कर दिया कि फिटमेंट फर्मूला बढ़ाने का सरकार का कोई ईरादा नहीं है।
सातवें वेतन आयोग ने इस सम्बध में पूरी तरह से तथ्यों के आधार पर इसको फिक्स किया है। वेतन आयोग ने फिटमेंट फार्मूला को निर्धारण करने के लिये सभी आवश्यक तथ्यों के साथ इसको प्रस्तावित किया है जिसे सरकार ने स्वीकर किया है। अब इसमें किसी तरह के बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
सरकार ने माना कि कर्मचारियों की यूनियनों ने 11 जुलाई को हड़ताल करने की कहा था जिसे उन्होने स्थगित कर दिया गया है अब सरकार की कोशिश है कि आगे ऐसी स्थिति न आये।
दूसरी ओर हड़ताल को स्थगित करते वक्त फेडरेशनों के नेताओं ने दावा किया था कि उनके दबाव के आगे सरकार झुक गई है और न्यून्यतम वेतन सहित फिटमेंट फार्मूला के साथ ही एनपीएस पर सरकार उनकी मांग मानने को तैयार हो गई है। इस पर एक हाईपावर समिति का गठन किया जायेगा जिसकी रिर्पोट के आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी। हालांकि सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करते समय एलान किया था कि कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों के ऊपर सरकार ने एक समति बनाने का निर्णय लिया है जो चार माह में अपनी रिपोर्ट देगी।
सरकार ने इस घोषणा पर अमल करते हुये पिछले दिनों वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में समिति का गठन भी कर दिया लेकिन नेताओं के साथ हुये समझौते के बाद अभी समिति का गठन नहीं किया है। हालांकि इसके गठन पर विचार चल रहा है और कभी भी इसे गठित किया जा सकता है। जहां तक रेलवार्ता को इस सम्बध में जानकारी का सवाल है उसके अनुसार अभी यह समिति गठित नहीं की गई है।
अब वित्त मंत्री अरूण जेटली के राज्य सभा में उत्तर के बाद यह साफ हो गया है कि फेडरेशनों के नेताओं ने हड़ताल स्थगित करने के लिये कर्मचारियों को गुमराह किया था। श्री जेटल के जबाव के बाद स्थिति एकदम साफ हो गई है। जब फिटमेंट फार्मूला ही नहीं बढ़ेगा तब फिर न्यून्यतम और अधिकतम वेतन में किसी भी प्रकार की कोई बढ़ोत्तरी का सवाल ही नहीं उठता है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines