प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के तबादले 15 जुलाई तक :
तबादले के बाद जिलों में कार्यभार संभालने वाले शिक्षकों को सर्वप्रथम
तैनाती एकल एवं छात्र संख्या के अनुपात वाले विद्यालयों में होगी
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के अंतर जनपदीयतबादले 2016-17 की नीति जारी हो गयी है।ये तबादले 15 जुलाई तक हो जाएंगे।
इस दौरान तीन वर्षतक शिक्षण करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं, सेना, गंभीर रूप से बीमार शिक्षक-शिक्षिकाओं को ही तबादले का लाभ मिल सकेगा। वैसे भी तीन वर्षबाद अंतर जनपदीय तबादले होने जा रहे है।ऐसे में संभावना है कि एक लाख से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले होंगे। इनमें अधिकतर वे शिक्षक-शिक्षिकाएं होंगे जो शादीशुदा होंगे।
तबादले की सबसे बड़ी बात यह होगी कि शिक्षकों के तबादले ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र एवं नगर क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में नहीं होंगे।तबादले के साथ ही वरिष्ठता भी खत्म होगी।
सचिव बेसिक शिक्षा अजय कुमार सिंह द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि अंतर जनपदीय तबादले के लिए केवल वही शिक्षक अर्ह होंगे, जिन्होंने कार्यरत जिले में प्रथम नियुक्ति की तिथि से 31 मार्च2016 तक न्यूनतम तीन वर्षकी सेवा पूर्णकर ली हो।तबादले के लिए इच्छुक शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा निर्धारित प्रारूप पर ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा जिसमें अध्यापक अधिमान क्रम में पांच जनपदों का विकल्प प्रस्तुत कर सकते हैं।शिक्षकों का तबादला उनके द्वारा अधिमान क्रम में दिये गये विकल्प के आधार पर वांछित जिले में उपलब्ध रिक्ति के सापेक्ष ही उनकी प्राथमिकता क्रम अथवा वरीयता के दृष्टिगत किया जा सकेगा।
सृजित पदों के सापेक्ष जो जनपद कार्यरत शिक्षकों से संतृप्त है उन जिलों में किसी भी दशा में तबादले नहीं किया जाएगा।जिन जिलों में शिक्षकों की संख्या कम है उन जिलों से उतने तबादले वाह्य जिलों के लिए कियेजाये जितने किसी अन्य जिले से उस जिले में तबादले होकर आये हो।
जिले में शिक्षक-छात्र अनुपात न्यूनतम 1:40 से कम न हो जाये।इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा।तबादले के फलस्वरूप जिस जिले में परिणामी रिक्तियां उपलब्ध होगी उसके सापेक्ष उस जिले में तबादले स्वीकृत पद की सीमा तक ही किया जा सकेगा।तबादला नीति में कहा गया है कि किसी भी विद्यालय के बंद या एकल होने की दशा में तबादले वाले शिक्षक को तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा जब तक उस विद्यालय में शिक्षक की व्यवस्था न हो जाए।
तबादले के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को इस हेतु आयोजित काउंसलिंग में प्रत्येक दशा में पैन कार्ड या वेतन आहरण बैंक पासबुक या नियुक्ति पत्र एवं पदोन्नति आदेश या अन्य साक्ष्यों सहित उपस्थित होना होगा अंतर जनपदीय तबादला नीति के तहत तबादला कराने वाले शिक्षकों को बीएसए द्वारा काउंसलिंग के समय संबंधित शिक्षकों से इस आशय का भी अण्डर टेकिंग या शपथ पत्र लिया जायेगा कि संबंधित शिक्षक द्वारा तबादले वाले जिले में अपनी ज्येष्ठता का दावा प्रस्तुत नहीं किया जायेगा।इसके लिए अण्डर टेकिंग या शपथ पत्र का प्रारूप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद द्वारा विकसित कर बीएसए को उपलब्ध कराया जायेगा।
तबादले के बाद जिलों में कार्यभार संभालने वाले शिक्षकों को सर्वप्रथम तैनाती एकल एवं छात्र संख्या के अनुपात वाले विद्यालयों में होगी। इन शिक्षक-शिक्षिकाओं को मिलेगा तबादले का पूरा लाभ :
2-असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षक, लकवाग्रस्त और जिनकी बाईपास सर्जरी हुईहो।
3- विधवा।
4-सेना, सुरक्षा बल/अर्ध सैनिक बल/राज्य पुलिस बल में कार्यरत कर्मियों की पत्नियां।
5- पति/पत्नी के सरकारी सेवा में होने पर।
6-महिला/पुरु ष शिक्षक द्वारा गृह जनपद के लिए आवेदन करने पर।
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प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के अंतर जनपदीयतबादले 2016-17 की नीति जारी हो गयी है।ये तबादले 15 जुलाई तक हो जाएंगे।
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इस दौरान तीन वर्षतक शिक्षण करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं, सेना, गंभीर रूप से बीमार शिक्षक-शिक्षिकाओं को ही तबादले का लाभ मिल सकेगा। वैसे भी तीन वर्षबाद अंतर जनपदीय तबादले होने जा रहे है।ऐसे में संभावना है कि एक लाख से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले होंगे। इनमें अधिकतर वे शिक्षक-शिक्षिकाएं होंगे जो शादीशुदा होंगे।
तबादले की सबसे बड़ी बात यह होगी कि शिक्षकों के तबादले ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र एवं नगर क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में नहीं होंगे।तबादले के साथ ही वरिष्ठता भी खत्म होगी।
सचिव बेसिक शिक्षा अजय कुमार सिंह द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि अंतर जनपदीय तबादले के लिए केवल वही शिक्षक अर्ह होंगे, जिन्होंने कार्यरत जिले में प्रथम नियुक्ति की तिथि से 31 मार्च2016 तक न्यूनतम तीन वर्षकी सेवा पूर्णकर ली हो।तबादले के लिए इच्छुक शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा निर्धारित प्रारूप पर ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा जिसमें अध्यापक अधिमान क्रम में पांच जनपदों का विकल्प प्रस्तुत कर सकते हैं।शिक्षकों का तबादला उनके द्वारा अधिमान क्रम में दिये गये विकल्प के आधार पर वांछित जिले में उपलब्ध रिक्ति के सापेक्ष ही उनकी प्राथमिकता क्रम अथवा वरीयता के दृष्टिगत किया जा सकेगा।
सृजित पदों के सापेक्ष जो जनपद कार्यरत शिक्षकों से संतृप्त है उन जिलों में किसी भी दशा में तबादले नहीं किया जाएगा।जिन जिलों में शिक्षकों की संख्या कम है उन जिलों से उतने तबादले वाह्य जिलों के लिए कियेजाये जितने किसी अन्य जिले से उस जिले में तबादले होकर आये हो।
जिले में शिक्षक-छात्र अनुपात न्यूनतम 1:40 से कम न हो जाये।इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा।तबादले के फलस्वरूप जिस जिले में परिणामी रिक्तियां उपलब्ध होगी उसके सापेक्ष उस जिले में तबादले स्वीकृत पद की सीमा तक ही किया जा सकेगा।तबादला नीति में कहा गया है कि किसी भी विद्यालय के बंद या एकल होने की दशा में तबादले वाले शिक्षक को तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा जब तक उस विद्यालय में शिक्षक की व्यवस्था न हो जाए।
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तबादले के बाद जिलों में कार्यभार संभालने वाले शिक्षकों को सर्वप्रथम तैनाती एकल एवं छात्र संख्या के अनुपात वाले विद्यालयों में होगी। इन शिक्षक-शिक्षिकाओं को मिलेगा तबादले का पूरा लाभ :
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3- विधवा।
4-सेना, सुरक्षा बल/अर्ध सैनिक बल/राज्य पुलिस बल में कार्यरत कर्मियों की पत्नियां।
5- पति/पत्नी के सरकारी सेवा में होने पर।
6-महिला/पुरु ष शिक्षक द्वारा गृह जनपद के लिए आवेदन करने पर।
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