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UPTET टीईटी-11: वेबसाइट से सत्यापन पर रार हाथ से गई मास्टरी, 72,825 में चयनित कई शिक्षकों को नौकरी से निकाला

UPTET टीईटी-11: वेबसाइट से सत्यापन पर रार हाथ से गई मास्टरी 06-07-16 , 72,825 में चयनित कई शिक्षकों को नौकरी से निकाला , कई बर्खास्त शिक्षकों ने बीएसए के आदेश को कोर्ट में दी चुनौती , तय समय के बाद बीटीसी की कॉपियां जांचने का विरोध ,वेबसाइट से सत्यापन नहीं हो सका, कई की गई मास्टरी
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता बोर्ड की वेबसाइट पर टीईटी-11 की जो सीडी अपलोड है, वही सही है। इससे इतर कोई भी सर्टिफिकेट मान्य नहीं है।शैल यादव, सचिव यूपी बोर्ड
केस वन: 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में हरदोई में नियुक्ति पाने वाली ललिता यादव को बीएसए ने 22 मार्च 2016 को बर्खास्त कर दिया। ललिता के टीईटी-11 के अंक यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं थे।

केस टू: हरदोई के ही शिक्षक हरेन्द्र पाल सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि उनके टीईटी के सर्टिफिकेट का सत्यापन यूपी बोर्ड की वेबसाइट से नहीं हो सका।ललिता यादव और हरेन्द्र पाल सिंह की तरह 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में चयनित कई शिक्षकों को इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि उनके सर्टिफिकेट का सत्यापन यूपी बोर्ड की वेबसाइट से नहीं हो सका। यूपी बोर्ड के अफसरों का दावा है कि वेबसाइट के इतर टीईटी-11 का कोई भी सर्टिफिकेट सही नहीं है। ऐसे दर्जनों शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका की है। इन बर्खास्त शिक्षकों का कहना है कि सिर्फ वेबसाइट पर ब्योरा उपलब्ध नहीं होने के कारण नौकरी से हटाना नाइंसाफी है। उनके सर्टिफिकेट का सत्यापन यूपी बोर्ड से करवाना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने टीईटी-11 के सर्टिफिकेट के सत्यापन का निर्देश दिया है। टीईटी-11 शुरू से विवादों में रही है। विवादों के कारण ही तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी तक हुई।
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