शिक्षामित्रों की परिवर्धित विशेष अनुज्ञा याचिका से बदल जायेगा केस का रुख

शिक्षामित्रों की ओर से 7 Nov की सुनवाई के लिए परिवर्धित विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की जा रही है।
इस विशेष याचिका के पैरवीकार रबी बहार, केसी सोनकर और साथियोंं का दावा है कि इस याचिका में अब तक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई सभी याचिकाओं से अलग नजरिया पेश किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के जनहित याचिका के मामले के सर्वाधिक जानकार और मानवाधिकारों के पक्षधर वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कोलिन गोन्साल्विस इस याचिका में शिक्षकों (शिक्षामित्रों) की ओर से पेश होंगे।
वर्तमान में भी डॉ कॉलिन गोन्साल्विस देश के एक चर्चित केस मजीठिया वेज बोर्ड से सम्बंधित मीडिया कर्मियों की ओर से खड़े हैं जिस में डॉ कोलिन ने ये ये आदेश करवाया:-
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश, दो माह के भीतर देना होगा मजीठिया वेतनमान।
देश के जाने माने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कॉलिन गोन्साल्विस का कहना है कि शिक्षामित्र निराश न हों उन्हें न्याय ज़रूर मिलेगा।
दूसरी ओर केस के पैरवीकारों का कहना है कि उनके द्वारा जुटाए गए साक्ष्य और तथ्य शिक्षमित्रों के प्रति कोर्ट का बन चुका नज़रिया बदल जायेगा। ये बात वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कॉलिन ने भी स्वीकार की कि कोर्ट अब तक शिक्षामित्रों को जिस नज़रिये से देखता आ रहा है वाश आउट हो जायेगा।
27 जुलाई 2016 को होने वाली सुनवाई में ये परिवर्धन सम्मिलित हो जायेगा और इस पर उस दिन इस याचिका पर सुनवाई की पूरी सम्भावना है।
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