22 Feb : चयनित एवं शिक्षा मित्र चहल की तरह हलचल मचाने की राह पर

अचयनित साथियो ,मुझे महसूस हो रहा है कि हम बुमराह की तरह गुमराह हो गये हैं तो चयनित एवं शिक्षा मित्र चहल की तरह हलचल मचाने की राह पर चल पड़े हैं।
एक तरफ विधिक मापदण्डों पर बेहद कमजोर दिख रहे शिक्षा मित्र वकीलों के ख्याति प्राप्त पैनल के साथ #वेंटिलेटर_टाईम एक्सटैंड करने को 22 फर की तैयारियों में व्यस्त हैं वहीं स्वयं को स्वार्थी घोषित कर चुके चयनित भी याचियों का विरोध करने मे भी गुरेज न करने की रणनीति तैयार कर चुके हैं।उधर हाईकोर्ट के आदेश से प्रभावित एक लाख के करीब एकेडमिक मेरिट चयनित भी 22 फर को केन्द्रित कर तैयारियो में जुटे हैं।
यहाँ सोचने वाली बात है कि 22 फर जो कि हमारी दिशा दशा तय करने वाली एक तारीख हो सकती है ,के लिये हमारी क्या योजना है ?अचयनितों के सभी गुट जी ओ की म्रगमारीचिका में फस कर कोर्ट डेट को भुला ही बैठे हैं।यदि जी ओ नामक जीव न आया तो टूटे हुये दिलों के साथ बनिबस्त आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके गुट आनन फानन में क्या कर पायेंगे ?
चलिये एक बारगी मान भी लें कि सरकार आपको ट्रेनिंग का आदेश कर त्रिशंकु बना भी देती है तो ये स्थायी हल नहीं है ,22 फर को फिर भी आपको अपना पक्ष मजबूती से रखना पड़ेगा।अंतरिम आदेश से विज्ञापित पदों पर नियुक्त हुये लोग तो अपना भविष्य सुरक्षित मानकर नही चल रहे तो अंतिम आदेश तक राहत पाये याचियों की क्या बिसात है।
बी एड टेट उत्तीर्ण बेरोजगारों की व्यापक नियुक्ति के लिये विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त वकील खड़ा करने पर भी टेट मोर्चे को विचार करना चाहिये ।मेरा सुझाव है कि 31 जनवरी से पूर्व संयुक्त टेट मोर्चे की एक मीटिंग वकीलों के परिपेक्ष्य में भी कर लेनी चाहिये,मीटिंग ही नहीं वरन निश्चित समयावधि में कलेक्शन की प्रक्रिया भी निपटा देनी चाहिये।
आगे आप सभी स्वयं समझदार हैं...
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