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अभिलेख में हेराफेरी कर बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति

जागरण संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। विशिष्ट बीटीसी नियुक्ति के अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर दिया गया। कई शिकायतें हुईं। अब इस मामले की जांच की जा रही है।
वर्ष 2010 में बेसिक शिक्षा विभाग में विशिष्ट बीटीसी की नियुक्ति की गई थी। उस समय सतेंद्र ढाका बीएसए थे। नियुक्ति में फर्जीवाड़े के संबंध में बीएसए से शिकायत हुई। उस समय जारी की गई नियुक्ति की सूची में 36वें नंबर पर अनीता कुमारी का नाम था। विभाग के दस्तावेजों में भी यही नाम है, लेकिन विभागीय मिलीभगत से सूची में इस नाम पर ललिता बघेल का नाम अंकित कर उसे जगनेर ब्लॉक में ज्वाइनिंग करा दी गई। पिछले छह साल से ललिता बघेल विभाग में नौकरी कर रही हैं, लेकिन अब शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू की गई तो खेल सामने आया। ब्लॉक स्तर पर नियुक्ति पत्र में अनीता की जगह ललिता का नाम दर्ज है। वर्तमान में शिक्षक अछनेरा ब्लॉक में तैनात है। जब से इस मामले की जांच शुरू हुई है तब से शिक्षक छुट्टी पर चली गई है। बीएसए दिनेश यादव ने बताया कि गोपनीय शिकायत मिली है। इस पर जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया अभिलेखों में गड़बड़ी की बात सामने आई है। उन्होंने शिक्षक को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है।
विभागीय कर्मचारियों की संलिप्तता : सूत्रों की मानें तो विशिष्ट बीटीसी नियुक्ति में बडे़ स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ था। इसकी शिकायतें भी हुई, लेकिन इन्हें दबा दिया गया। इस समय विशिष्ट बीटीसी के 17 शिक्षक संदिग्ध की सूची में शामिल हैं। इनके प्रमाणपत्रों को सत्यापन के लिए भेजा गया है। इस फर्जीवाडे़ में जगनेर ब्लॉक के एक बाबू व सेवानिवृत्त हो चुके बाबू का नाम सामने आ रहा है। बताया गया है कि बाबू पहले भी सस्पेंड हो चुका है।

जैतपुर कलां में भी फर्जी शिक्षक : फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी प्राप्त करने में जैतपुर कलां के समायोजित शिक्षक अनिल कुमार का नाम सामने आया है। खंड शिक्षाधिकारी की जांच में अनिल कुमार के हाईस्कूल और इंटर के प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। खंड शिक्षाधिकारी ने शिक्षक को निलंबित कर उससे रिकवरी की संस्तुति की रिपोर्ट बीएसए को भेज दी है।
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