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22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश अपने निर्णय में दे सकती है : गणेश दीक्षित

22 फरवरी 2017 को हमारा सुप्रीम कोर्ट देश की प्राथमिक शिक्षा में फैली अराजकता और दुर्दशा को ख़त्म करने के लिये सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश अपने निर्णय में दे सकती है ,विशेषकर उत्तर प्रदेश के संदर्भ में हुई अवैध भर्तियों पर ।
जैसा की सभी को विदित है की कानून और अदालती आदेशों को न मानने वाली वर्तमान सपा सरकार के द्वारा गत पाँच वर्ष के अपने कार्यकाल में की गयी समस्त भर्तियां हाईकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच के आदेशों के साथ सुप्रीम कोर्ट में जस्टीस दीपक मिश्रा और फिलहाल जस्टीस भानुमति की कोर्ट में अंतिम निर्णय को पहुँच चुकी हैं , जो कुछ बची हैं उनका आगामी 30 जनवरी की सुनवाई के द्वारा पहुँचना सुनिश्चित लग रहा है ।
पर इन सभी भर्तियों में आपस में कुछ न कुछ सम्बन्ध है और अंतर भी ,जैसे -
1- गत पाँच वर्ष के सपा सरकार के कार्यकाल में हुई भर्ती , यथा -
शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन ,
बीटीसी-10000,15000,16000 भर्तियां ,
29000 विज्ञान/गणित भर्ती ,
उर्दू अध्यापक भर्ती ,
सहायता प्राप्त मिडिल स्कूलों में हुईं भर्तियां ,
जीजीआईसी और जीआईसी में हुई भर्तियां ,
आदि - आदि सभी भर्तियों को उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाइकोर्ट की सिंगल और डबल बेंचों के आदेशों की अवमानना करते हुये की और जनता के करोड़ों रुपये सॅलरी के रूप में लूटा दिये ।
अदालती आदेशों और कानूनी रूप से अवैध रूप में इन भर्तियों को करने के कारण आज ये सभी भर्तियां सुप्रीम कोर्ट में अंतिम निर्णय को लम्बित हैं ।
2- वहीँ इन भर्तियों के विपरीत 72825 शिक्षकों की भर्ती सपा सरकार नहीँ करना चाह रही थी या फ़िर कहें की 72825 को भी सपा सरकार गलत और अवैध नियमों से करना चाह रही थी पर 72825 में शामिल सभी अभ्यर्थी माननीय हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के शुक्रगुजार हैं की न केवल उसने सपा सरकार को 72825 भर्ती को गलत तरीके से करने से रोका बल्कि अपने अंतरिम आदेश के द्वारा इसे वैधानिक रूप से करवाया ।
मित्रों ,
आज उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा में एक तरफ़ 72825 शिक्षकों की भर्ती है जो आरटीई एक्ट के नियमों के अनुरूप व अदालत के आदेशों और उसकी निगरानी के तहत सम्पन्न हो रही है और हाइकोर्ट की सिंगल,डबल ,लार्जर और सुप्रीमकोर्ट के मिलाकर लगभग 20 जजों के द्वारा दिये गये आदेश इसको वैध घोषित कर चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट तो टीईटी 2011 के अन्य याचीयों के लिये भी आदेश दे चुका है
वहीँ शिक्षामित्रों का समायोजन या बीटीसी भर्ती ,उर्दू अध्यापक भर्ती ,29000 विज्ञान/गणित भर्ती...सभी अदालती आदेशों और आरटीई एक्ट के विरूद्द और सिंगल ,डबल बेंच ने इन्हें अवैध ठहराते हुये इनके विपरीत आदेश जारी किये हैं ।
आगामी 22 फरवरी को हाइकोर्ट से अवैध घोषित शिक्षामित्र समायोजन और आरटीई एक्ट और राष्ट्रीय सर्वशिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा नियमावली में कृमागत किये गये संशोधनो यथा -बारहवां और हाइकोर्ट द्वारा अवैध (अल्ट्रावाइरस ) घोषित पंद्रहवाँ और सोलहवाँ के तहत भर्ती पर सुनवाई होगी ।
चूँकि इस अदालत में पूरे दिन में केवल यही केस सुना जाना तय है , अत: आशा है की इसमें से ज्यादातर को निर्णीत भी कर दिया जायेगा ।
ये निर्णय देश की प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिये नजीर होगा ।
बड़े-बड़े वकील अपने-अपने पक्ष का आधार
रखेंगे ।
देशभर के युवाओं में विधिक जागरूकता का जनक टीईटी संघर्ष मोर्चा ,उ.प्र., गत छः वर्षों की भाँति निर्बाध और सतत रूप से पूरी तरह सजग है ।हम भी टीईटी 2011 उत्तीर्ण की प्रभावी और विजयी पैरवी को तैयार हैं ।
सत्य और न्याय की इस अंतिम लड़ाई को भी हम ही जीतेंगे क्योंकि हम सत्य और न्याय के ईश्वरविदित पथ पर संघर्षरत हैं ।
इस लड़ाई में अंतिम रूप से विजेता बनने के लिये सभी टीईटी 2011 उत्तीर्ण जगतकल्याण के नेक इरादों के साथ एक रहें , शेष ईश्वर पर , वह निश्चित ही कल्याण करेगा ।
शेष फ़िर....
आपका - गणेश शंकर दीक्षित
टीईटी संघर्ष मोर्चा ,उ.प्र.
सन्घेय शक्ति सर्वदा ।
जय हिन्द ,जय टीईटी ॥
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