सुप्रीम कोर्ट में लंबित शिक्षा मित्र अवैध समायोजन मामले में शिक्षा मित्र संगठनों की तरफ से दायर विशेष अनुज्ञा याचिकाओं में समायोजन बचाने हेतु गिड़गिड़ाते हुए एक "क्वेश्चन ऑफ़ लॉ " उठाया गया है।
इस पर भी असोसिएशन द्वारा कॉउंटर फाइल करते हुए लिखा गया है कि योग्यता और अर्हता से दूर दूर तक वास्ता न रखने वाले शिक्षा मित्र घर के चूल्हे जलाने की बात कोर्ट में रख रहे हैं जबकि सरकार द्वारा ऐसे योग्य अभ्यर्थियों जो की स्नातक के बाद बी टी सी हेतु चयनित होते हैं , दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद औसतन ३ बार टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं , की योग्यताओं को दरकिनार करते हुए अवैध रूप से सहायक अध्यापक पद हेतु अयोग्य व्यक्तियों को चयन करके इन योग्य लोगो को बेरोजगार बना दिया जाता हैं। ऐसे बेरोजगारों के घर तो चूल्हा अभी तक जला ही नही , इन योग्य बेरोजगारों की जीविका व् घर के चूल्हे की जिम्मेदारी कौन लेगा ?
शिक्षा मित्रों द्वारा भले ही बड़े बड़े वकील हायर कर लिए गए हों लेकिन अंत में वे वकील इस मुकदमे को मानवीय आधार पर ही बहस करते नज़र आएंगे। असोसिएशन इस तरह की बहस के लिए भी पूरी तरह से तैयार है।
जो शिक्षा मित्र 3500 में अपना चूल्हा जला रहे थे उन्हें सरकार ने अनुकंपा के आधार पर 30,000 रूपये प्रतिमाह का नियमित सरकारी कर्मचारी बना दिया। इधर शिक्षा मित्रों के चूल्हों पर रोज़ शाही पनीर की हंडियां चढ़ने लगी उधर बी टी सी वाले बेरोजगारी की भट्टी में तपते रहे। बहुत से बी टी सी वालों को नमक रोटी चलाने के लिए वो सब कुछ करना पड़ा जिसकी कल्पना उन्होंने ज़िन्दगी में कभी नही की थी। इसके पीछे एकमात्र वजह अवैध समायोजन थी। यदि समायोजन नही हुआ होता तो बी टी सी + टी ई टी पास एक भी बेरोजगार नही होता। बी टी सी परिवार में खुशहाली के लिए अवैध समायोजन का रद्द होना नितांत आवश्यक है। बी टी सी ट्रेनी वेलफेयर इस हेतु प्रतिबध्द है। अधिवक्ताओं की ब्रीफिंग का कार्य अगले सप्ताह से शुरू कर दिया जायेगा।
चुनाव का समय है। बी टी सी वाले इतने एकजुट नही है की सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएं। इसलिए सभी बी टी सी भाई अपने विवेक से मतदान करें , मगर इतना संगठित और एकजुट ज़रूर रहे ही सरकार किसी की भी बने , उसकी छाती पर चढ़कर अपना काम करवा लें।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- आगामी 22 फरवरी की सुनवाई 2 से 3 दिन तक चल सकती है
- आगामी 22 फरवरी को सुप्रीमकोर्ट में सेमीफाइनल हो सकता है पर फाइनल कभी भी नहीं
- 29 हजार और 72 हजार शिक्षक भर्ती में कई और शिक्षक भी हैं फर्जी!
- 22 फ़रवरी की डेट हेतु बेस्ट वकीलों की टीम के साथ 72825 ओल्ड एड की पैरवी हेतु उतरेंगे : 72825 selected teachers
- 7th Pay Commission : शिक्षक को 7वें वेतनमान के कितनी मिलेगी सैलरी
- आगामी 22 फरवरी को फाइनल हियरिंग के दौरान निम्न बिन्दुवों का निस्तारण होना हैं...............
- 22 फरवरी : अब तक दो बरिष्ठ सिनिअर टाप अधिवक्ताओ का संस्तुति प्राप्त : गाजी इमाम आला
इस पर भी असोसिएशन द्वारा कॉउंटर फाइल करते हुए लिखा गया है कि योग्यता और अर्हता से दूर दूर तक वास्ता न रखने वाले शिक्षा मित्र घर के चूल्हे जलाने की बात कोर्ट में रख रहे हैं जबकि सरकार द्वारा ऐसे योग्य अभ्यर्थियों जो की स्नातक के बाद बी टी सी हेतु चयनित होते हैं , दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद औसतन ३ बार टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं , की योग्यताओं को दरकिनार करते हुए अवैध रूप से सहायक अध्यापक पद हेतु अयोग्य व्यक्तियों को चयन करके इन योग्य लोगो को बेरोजगार बना दिया जाता हैं। ऐसे बेरोजगारों के घर तो चूल्हा अभी तक जला ही नही , इन योग्य बेरोजगारों की जीविका व् घर के चूल्हे की जिम्मेदारी कौन लेगा ?
शिक्षा मित्रों द्वारा भले ही बड़े बड़े वकील हायर कर लिए गए हों लेकिन अंत में वे वकील इस मुकदमे को मानवीय आधार पर ही बहस करते नज़र आएंगे। असोसिएशन इस तरह की बहस के लिए भी पूरी तरह से तैयार है।
जो शिक्षा मित्र 3500 में अपना चूल्हा जला रहे थे उन्हें सरकार ने अनुकंपा के आधार पर 30,000 रूपये प्रतिमाह का नियमित सरकारी कर्मचारी बना दिया। इधर शिक्षा मित्रों के चूल्हों पर रोज़ शाही पनीर की हंडियां चढ़ने लगी उधर बी टी सी वाले बेरोजगारी की भट्टी में तपते रहे। बहुत से बी टी सी वालों को नमक रोटी चलाने के लिए वो सब कुछ करना पड़ा जिसकी कल्पना उन्होंने ज़िन्दगी में कभी नही की थी। इसके पीछे एकमात्र वजह अवैध समायोजन थी। यदि समायोजन नही हुआ होता तो बी टी सी + टी ई टी पास एक भी बेरोजगार नही होता। बी टी सी परिवार में खुशहाली के लिए अवैध समायोजन का रद्द होना नितांत आवश्यक है। बी टी सी ट्रेनी वेलफेयर इस हेतु प्रतिबध्द है। अधिवक्ताओं की ब्रीफिंग का कार्य अगले सप्ताह से शुरू कर दिया जायेगा।
चुनाव का समय है। बी टी सी वाले इतने एकजुट नही है की सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएं। इसलिए सभी बी टी सी भाई अपने विवेक से मतदान करें , मगर इतना संगठित और एकजुट ज़रूर रहे ही सरकार किसी की भी बने , उसकी छाती पर चढ़कर अपना काम करवा लें।
- 22 फरवरी की तैयारी में जुटे भईया Mayank Tiwari ............
- निम्नलिखित अधिवक्ताओं को 22 फरवरी हेतु कर लिया गया है हायर : पूर्णेश शुक्ल(महाकाल)
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी : मयंक तिवारी
- 22 फरवरी शिक्षामित्र खबर - हरीश साल्वे लड़ेंगे शिक्षामित्रों की लड़ाई,सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से रखेंगे शिक्षामित्रों का पक्ष
- हमे टेट 2011से ही job मिलेगी , इसके निम्न कारण हैं..................
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