7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई : बीएड याचियों की उलटी गिनती शुरू, सुनवाई के कुछ ही दिन शेष!

बीएड याचियों द्वारा कोर्ट से बेसिक शिक्षक बनने की मांग करना *गोद में बैठ कर दाढ़ी नोचने जैसा है। बच्चे की गलत ज़िद है तो बाप का फर्ज है कि उसे एक कंटाप लगा के समझाए और उसका वक़्त आ गया है।

और *बीएड भर्ती पर रोक लगवाने के लिए मिशन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका फाइल कर दी है और अब सुनवाई में कुछ ही दिन शेष हैं।*
देश में वर्ष 2001-2 एसएसए आ गया और राज्य सरकार ने शिक्षकों की कमी बता कर बीएड भर्ती की एनसीटीई से अनुमति मांगी इस तरह
In this context references are made to Special B.T.C. 2004, 2007-08 and 2010.
तक बीएड की प्राइमरी में घुसपैठ कराई जाती रही।
जिस के लिए सरकार ने 1981 नियमावली में दसवां संशोधन किया।
Government order dated 14th January, 2004
जबकि केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वर्ष 2010 तक बीएड को बेसिक स्कुल में भर्ती की इज़ाज़त नहीं थी। बस इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीएड को बेसिक में भर्ती करने को लेकर क़ानूनी डिक्शनरी में जितने भी घटिया शब्द है सब प्रयुक्त किये। हम अगर अपनी भाषा में कहें तो इनको ..........की तरह दुत्कारा!
आरटीई लागू हो जाने के बाद फिर इनपर राजनैतिक अनुकम्पा हुई और वर्ष 2012 में इन को 72825 के रूप में फिर घुसपैठ कराई गई।
लेकिन अब *बीएड भर्ती को जड़ बुन्याद से खत्म करवाने के लिए मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कोलिन गोंसाल्विस को दीपक मिश्रा जी की कोर्ट में गर्जन करेंगे।।*
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।
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